चिनाब ब्रिज से लेकर हिमालय की चोटियों तक गूंजा योग,'मन की बात' में पीएम मोदी ने की प्रशंसा

नई दिल्ली, 29 जून (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'मन की बात' के 123वें एपिसोड के माध्यम से देशवासियों को संबोधित करते हुए 'अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस' की भव्यता और उसकी वैश्विक स्वीकृति को उजागर किया। उन्होंने कहा, ''आप सब इस समय योग की ऊर्जा और 'अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस' की स्मृतियों से भरे होंगे।''
प्रधानमंत्री ने लोगों को याद दिलाया कि 10 साल पहले जब अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की शुरुआत हुई थी, तब किसी ने कल्पना भी नहीं की थी कि यह दिन वैश्विक चेतना और मानव कल्याण का इतना प्रभावशाली माध्यम बन जाएगा। उन्होंने कहा, ''हर वर्ष यह आयोजन और भी भव्य होता जा रहा है, जो इस बात का संकेत है कि योग अब जीवनशैली का हिस्सा बनता जा रहा है। इस बार हमने योग दिवस की तस्वीरें कितनी आकर्षक देखी हैं।''
पीएम मोदी ने खासतौर से विशाखापत्तनम का उल्लेख करते हुए कहा कि वहां के समुद्र तट पर तीन लाख लोगों ने एक साथ योग किया। उन्होंने कहा, ''विशाखापत्तनम के समुद्र तट पर तीन लाख लोगों ने एक साथ योग किया। दो हजार से ज्यादा आदिवासी छात्रों ने 108 मिनट तक 108 सूर्य नमस्कार कर अनुशासन और समर्पण की मिसाल पेश की। नौसेना के जहाजों से लेकर हिमालय की चोटियों तक, योग की गूंज हर ओर सुनाई दी। दिल्ली के लोगों ने योग को स्वच्छ यमुना के संकल्प से जोड़ते हुए नदी तट पर योग किया। जम्मू-कश्मीर के चिनाब ब्रिज, जो दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे पुल है, वहां भी लोगों ने योग किया।''
हिमालय की बर्फीली चोटियों पर आईटीबीपी जवानों द्वारा किए गए योग के बारे में बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा, ''हिमालय की ऊंचाइयों पर आईटीबीपी के जवानों ने साहस और साधना का अद्भुत संगम दिखाया। गुजरात के वडनगर में 2121 (इक्कीस सौ इक्कीस) लोगों ने एक साथ भुजंगासन कर नया रिकॉर्ड बनाया। न्यूयॉर्क, लंदन, टोक्यो, पेरिस जैसे दुनिया के प्रमुख शहरों से योग की शांति, स्थिरता और संतुलन से भरी तस्वीरें सामने आईं। इस साल की थीम 'एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग' रही, जो 'वसुधैव कुटुंबकम्' की भावना को जीवंत करती है। प्रधानमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि इस भव्य आयोजन से प्रेरित होकर ज्यादा से ज्यादा लोग योग को अपनाएंगे।''
--आईएएनएस
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