साइटिका से लेकर लिवर संबंधी समस्याओं से हैं परेशान, नियमित करें पश्चिमोत्तानासन, मिलेगा आराम

नई दिल्ली, 13 जून (आईएएनएस)। योग सिर्फ एक एक्सरसाइज नहीं, बल्कि खुद को समझने और शांत करने का तरीका है। रोज थोड़ी देर योग करने से तनाव कम होता है, जिससे शरीर और मन दोनों स्वस्थ रहते हैं। आज हम आपको पश्चिमोत्तानासन योगासन के बारे में बता रहे हैं। यह आसन पीठ और पैरों को अच्छा खिंचाव देता है और पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है। यही नहीं, पेट की चर्बी को भी कम करता है।
आयुष मंत्रालय के इंस्टाग्राम पोस्ट के अनुसार, पश्चिमोत्तानासन बुजुर्गों के लिए बेहद फायदेमंद होता है। यह पेट की मांसपेशियों को मजबूत करने के साथ-साथ साइटिका की संभावना को भी कम करता है। यह कब्ज, मोटापा, अपच और त्वचा रोगों को दूर करने में भी सहायक होता है।
पश्चिमोत्तानासन के अभ्यास से श्वसन क्षमता में सुधार होता है, जिससे फेफड़े मजबूत होते हैं। खासतौर पर मधुमेह के रोगियों के लिए यह आसन बहुत फायदेमंद माना जाता है, क्योंकि यह ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद करता है। साथ ही, लिवर और किडनी से जुड़ी समस्याओं में भी यह लाभकारी होता है।
मासिक धर्म संबंधी विकारों से राहत दिलाने में पश्चिमोत्तानासन काफी असरदार है। यह पेट के निचले हिस्से में रक्त संचार को बेहतर बनाता है और दर्द को कम करने में मदद करता है। यह आसन हार्मोनल संतुलन बनाए रखता है, जिससे अनियमित पीरियड्स, ज्यादा रक्तस्राव या थकान जैसी समस्याओं में राहत मिलती है।
इस आसन से मानसिक स्पष्टता और एकाग्रता में सुधार होता है। यह चिंता और तनाव को कम करने में मदद करता है, जिससे व्यक्ति अधिक संतुलित और सकारात्मक महसूस करता है।
पश्चिमोत्तानासन करने से पहले सही तरीका जानना बेहद जरूरी है। इसे करते समय शरीर पर ज्यादा जोर न डालें, खासकर जब आप इसकी शुरुआत कर रहे हैं। इस आसन को करने के लिए सबसे पहले जमीन पर पैरों को सीधे फैलाकर बैठें। फिर गहरी सांस लें और धीरे-धीरे शरीर को आगे झुकाएं। कोशिश करें कि हाथों से पैरों को छुएं और सिर या नाक घुटनों से मिलाएं। थोड़ी देर ऐसे ही रुकें, फिर धीरे-धीरे वापस सीधा हो जाएं।
मंत्रालय ने अपने पोस्ट में उन लोगों को यह आसन करने से मना किया, जिनके पेट में अल्सर है। साथ ही विशेषज्ञ से परामर्श लेने की भी बात कही है।
--आईएएनएस
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