अंग्रेजी में विंटर चेरी कही जाने वाली सफेद फूल और नारंगी लाल बेरी है गुणों से भरपूर औषधि

नई दिल्ली, 25 जनवरी (आईएएनएस)। आयुर्वेद के गुणों से भरपूर औषधि की जड़ों में घोड़े की गंध आती है, इसलिए इसे अश्वगंधा कहा जाता है। यह पौधा खासतौर पर भारत, मध्य पूर्व और अफ्रीका में पाया जाता है। इसे ताकत और ऊर्जा बढ़ाने के लिए जाना जाता ही है, साथ ही इसके प्रयोग से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में भी सुधार होता है।
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अंग्रेजी में विंटर चेरी कही जाने वाली सफेद फूल और नारंगी लाल बेरी है गुणों से भरपूर औषधि

नई दिल्ली, 25 जनवरी (आईएएनएस)। आयुर्वेद के गुणों से भरपूर औषधि की जड़ों में घोड़े की गंध आती है, इसलिए इसे अश्वगंधा कहा जाता है। यह पौधा खासतौर पर भारत, मध्य पूर्व और अफ्रीका में पाया जाता है। इसे ताकत और ऊर्जा बढ़ाने के लिए जाना जाता ही है, साथ ही इसके प्रयोग से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में भी सुधार होता है।

अंग्रेजी भाषा में इसे विंटर चेरी कहा जाता है, जो तनाव, चिंता, और अन्य कई रोगों के इलाज में मदद करता है। इसका लैटिन नाम विथानिया सोम्नीफेरा है। यह सफेद फूलों और नारंगी लाल बेरी वाली एक छोटी बारहमासी झाड़ी है।

आयुर्वेदाचार्य कुणाल शंकर ने न्यूज एजेंसी आईएएनएस को बताया कि इसके सेवन से मानसिक शांति प्राप्त होती है और शारीरिक बल बढ़ता है। इसका चूर्ण लाभकारी होता है। वैद्य जी के मुताबिक, यह गुणों की खान है। यह मधुमेह को नियंत्रित करता है, इम्युनिटी बढ़ाता है, गले की खराश दूर करता है, और पाचन तंत्र को सही रखता है।

वैद्य कुणाल इसके सही इस्तेमाल का तरीका भी बताते हैं। कहते हैं, किसी अच्छे आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श लेकर इसका प्रयोग करना चाहिए। अलग-अलग समस्याओं के लिए डोज भी सेट होता है। मसलन, अगर तनाव और चिंता से ग्रसित हैं, तो एक चम्मच (लगभग 5 ग्राम) अश्वगंधा चूर्ण गुनगुने पानी के साथ रोज सुबह और रात को लें। तनाव से मुक्ति तो मिलेगी ही, इम्यून सिस्टम भी मजबूत होगा और नींद भी जमकर आएगी।

आयुर्वेद के मुताबिक, अश्वगंधा हड्डियों का भी ख्याल रखता है। वैद्य जी कहते हैं, एक गिलास गर्म दूध के साथ एक चम्मच चूर्ण लेने से मांसपेशियां मजबूत होती हैं। हां, रात को सोने से पहले इसका सेवन करना श्रेयस्कर होता है। स्वाद बढ़ाने के लिए गुड़ या शहद मिलाया जा सकता है।

वैद्य कुणाल बदलते मौसम में सर्दी-जुकाम से पीड़ित लोगों को भी इसे चाय में इस्तेमाल करने की सलाह देते हैं। उनका तरीका सिंपल है। बताते हैं, एक कप पानी में 1/2 चम्मच अश्वगंधा चूर्ण डालकर, थोड़ा सा अदरक और तुलसी डालकर 5 मिनट तक उबालना चाहिए। इसके बाद छानकर पीने से सर्दी-जुकाम में राहत मिलती है और तनाव से भी मुक्ति मिलती है।

कुल मिलाकर, अश्वगंधा चूर्ण ऐसी औषधि है, जो शरीर और मन को अद्भुत लाभ पहुंचाती है। इसे सही तरीके और मात्रा में लेने और नियमित दिनचर्या का हिस्सा बनाने से नफा ही नफा है। वैद्य कुणाल कहते हैं- याद रखें, आयुर्वेद का जादू तभी असर करता है, जब आप इसका धैर्य से सेवन करते हैं।

--आईएएनएस

केआर/सीबीटी