हरभजन सिंह का जन्मदिन: क्रिकेट के इतिहास में उनकी अद्वितीय छाप

हरभजन सिंह का जन्म 3 जुलाई को हुआ था, और यह दिन उनके लिए विशेष महत्व रखता है। 2001 में उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एक अद्वितीय प्रदर्शन किया, जिसमें उन्होंने 32 विकेट लिए और भारत को एक ऐतिहासिक जीत दिलाई। उनकी प्रतिस्पर्धा ने उन्हें क्रिकेट के इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाया। इस लेख में हम उनके करियर के महत्वपूर्ण क्षणों और उनकी विरासत पर चर्चा करेंगे।
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हरभजन सिंह का जन्मदिन: क्रिकेट के इतिहास में उनकी अद्वितीय छाप

हरभजन सिंह का क्रिकेट सफर

हरभजन सिंह का जन्म 3 जुलाई को हुआ था, और यह तारीख उनके लिए विशेष महत्व रखती है। मार्च 2001 में उन्होंने जो 11 दिन बिताए, वे भारतीय क्रिकेट के इतिहास में स्वर्णिम क्षण बने। उस समय भारत ने स्टीव वॉ की ऑस्ट्रेलियाई टीम के खिलाफ 0-1 से हार का सामना किया था, लेकिन हरभजन ने अपनी शानदार गेंदबाजी से 32 विकेट लेकर भारत को एक अद्भुत वापसी दिलाई। यह श्रृंखला उनके करियर का एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुई, जिसमें उन्होंने भारत का पहला टेस्ट हैट्रिक भी हासिल किया।


ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ प्रतिस्पर्धा

हरभजन की ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ प्रतिस्पर्धा ने उनके करियर के सर्वश्रेष्ठ और सबसे खराब क्षणों को उजागर किया। उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई दिग्गज रिकी पोंटिंग को भारतीय पिचों पर काफी परेशान किया। 2008 में सिडनी टेस्ट में एंड्रयू साइमंड्स के साथ उनकी तीखी बहस ने नस्लीय दुर्व्यवहार के आरोपों को जन्म दिया, जो बाद में अपील पर मौखिक दुर्व्यवहार में बदल गया। उसी वर्ष आईपीएल में भी विवादों का सामना करना पड़ा, जब उन्होंने अपने साथी खिलाड़ी श्रीसंत के साथ एक विवाद में हाथापाई की।


हरभजन का करियर और विरासत

अनिल कुंबले के रिटायरमेंट के बाद हरभजन को भारत की स्पिन विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई। हालांकि, उनके फॉर्म में गिरावट और नए स्पिनरों के उभरने के कारण उन्हें चयनकर्ताओं की नजरों से गिरा दिया गया। 2011 में इंग्लैंड दौरे के बाद उन्हें टीम से बाहर कर दिया गया। फिर भी, अक्टूबर 2011 में उन्होंने मुंबई इंडियंस को चैंपियंस लीग T20 खिताब दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके अंतरराष्ट्रीय करियर में कमी आई, लेकिन 2001 की श्रृंखला उनकी विरासत में हमेशा जीवित रहेगी।