सुप्रीम कोर्ट ने यमन में फांसी पर रोक लगाने की याचिका पर सुनवाई की सहमति दी
सुप्रीम कोर्ट ने यमन में केरल की नर्स निमिषा प्रिया की फांसी पर रोक लगाने की याचिका पर सुनवाई करने का निर्णय लिया है। वरिष्ठ वकील रागेंथ बसंत ने तात्कालिक सुनवाई की मांग की, यह बताते हुए कि फांसी की तिथि नजदीक है। प्रिया को 2017 में एक यमन नागरिक की हत्या के लिए मौत की सजा सुनाई गई थी। जानें इस मामले में आगे क्या होगा और क्या राजनयिक प्रयास सफल होंगे।
Jul 10, 2025, 13:22 IST
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सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई
भारत के सुप्रीम कोर्ट ने यमन में केरल की नर्स, निमिषा प्रिया की 16 जुलाई को होने वाली फांसी पर रोक लगाने की याचिका पर सुनवाई करने का निर्णय लिया है। न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की पीठ ने प्रारंभ में इस मामले को 14 जुलाई को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया था। हालांकि, वरिष्ठ वकील रागेंथ बसंत ने बताया कि चूंकि फांसी की तिथि 16 जुलाई है, इसलिए भारत सरकार के पास राजनयिक वार्ता के लिए केवल दो दिन शेष हैं, जो संभवतः प्रभावी नहीं हो पाएगी। उन्होंने मामले की सुनवाई आज या कल करने का अनुरोध किया।
तत्काल सुनवाई की मांग
लाइव लॉ के अनुसार, वकील ने कहा कि कृपया आज या कल की तारीख तय करें क्योंकि 16 तारीख ही फांसी की तिथि है। कूटनीतिक माध्यम से भी समय की आवश्यकता होती है। याचिकाकर्ता, 'सेव निमिषा प्रिया एक्शन काउंसिल' नामक संगठन ने केंद्र से यमन में भारतीय नर्स की रिहाई सुनिश्चित करने के लिए निर्देश देने की मांग की थी। बसंत ने याचिका पर तात्कालिक सुनवाई की अपील की। लाइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार, बसंत ने दलील दी कि शरीयत कानून के अनुसार, यदि पीड़ित के रिश्तेदार "रक्तदान" स्वीकार करने के लिए तैयार हो जाएं, तो किसी व्यक्ति को रिहा किया जा सकता है और इस विकल्प पर बातचीत की जा सकती है।
मौत की सजा का कारण
न्यायमूर्ति धूलिया ने जब पूछा कि प्रिया को मौत की सजा क्यों दी गई, तो बसंत ने उत्तर दिया, "मैं केरल का एक भारतीय नागरिक हूँ। वहाँ नर्स के रूप में काम करने गया था। एक स्थानीय व्यक्ति ने मुझे प्रताड़ित करना शुरू कर दिया... और उसकी हत्या कर दी गई।" भारतीय नर्स प्रिया को 2017 में यमन के नागरिक, तलाल अब्दो महदी की हत्या के लिए मौत की सजा सुनाई गई थी। उन पर आरोप था कि उन्होंने अपने पासपोर्ट को वापस पाने के लिए उस व्यक्ति को बेहोशी का इंजेक्शन लगाया था, जो उनके पास था। नर्स को कथित तौर पर उस व्यक्ति द्वारा दुर्व्यवहार और यातना का सामना करना पड़ा था।