सीबीआई ने गति शक्ति परियोजना में रिश्वतखोरी के आरोप में पांच लोगों को किया गिरफ्तार

गति शक्ति परियोजना में रिश्वतखोरी का मामला
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने केंद्र की गति शक्ति परियोजना में कथित भ्रष्टाचार के आरोप में लखनऊ में तैनात उत्तर रेलवे के एक उप मुख्य अभियंता सहित पांच व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है। यह जानकारी अधिकारियों ने मंगलवार को साझा की।
सीबीआई ने नई दिल्ली स्थित रेलवे ठेकेदार 'टैंगेंट इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड' के कर्मचारी जिम्मी सिंह उर्फ अजीत कुमार सिंह को उप मुख्य अभियंता विवेक कुशवाहा को 2.5 लाख रुपये की रिश्वत देने के आरोप में पकड़ा।
कुशवाहा लखनऊ में उत्तर रेलवे (एनआर) के गति शक्ति परियोजना के प्रभारी हैं। यह रिश्वत कंपनी के प्रवीण कुमार सिंह के निर्देश पर दी गई थी।
अधिकारियों ने बताया कि कार्रवाई के दौरान जिम्मी सिंह द्वारा एनआर-लखनऊ की कार्यालय अधीक्षक अंजुम निशा को दी गई 80,000 रुपये की रिश्वत भी बरामद की गई। इस राशि में वरिष्ठ अनुभाग अभियंता अशोक रंजन द्वारा निशा के माध्यम से प्राप्त रिश्वत भी शामिल थी।
सूत्रों ने बताया कि सीबीआई ने टैंगेंट इंफ्राटेक के कुशवाहा, जिम्मी सिंह, रंजन, निशा और प्रवीण कुमार सिंह को गिरफ्तार किया है, जबकि सहायक कार्यकारी अभियंता के के मिश्रा फरार हैं। मिश्रा पर 2.75 लाख रुपये की रिश्वत लेने का आरोप है।
सीबीआई की प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, 'लखनऊ में चार, वाराणसी में छह और गाजियाबाद में एक स्थान पर तलाशी ली गई, जहां आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद हुए।'
गिरफ्तार किए गए सभी आरोपियों को मंगलवार को लखनऊ की विशेष सीबीआई अदालत में पेश किया गया, जिसने उन्हें 28 जुलाई तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया। सीबीआई ने लखनऊ और वाराणसी में तैनात उत्तर रेलवे (एनआर) और पूर्वोत्तर रेलवे (एनईआर) के वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ सोमवार को प्राथमिकी दर्ज की थी।