सीपीआई ने असम में बाढ़ और कटाव को राष्ट्रीय समस्या घोषित करने की मांग की

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) ने असम में बाढ़ और कटाव की समस्या को राष्ट्रीय समस्या के रूप में मान्यता देने की मांग की है। यह मांग हाल ही में आयोजित 25वें असम राज्य सम्मेलन में की गई, जहां कई अन्य महत्वपूर्ण प्रस्ताव भी पारित किए गए। पार्टी का मानना है कि इस समस्या को राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिलने से अधिक संसाधनों और उपायों के साथ इस संकट का समाधान किया जा सकेगा। सम्मेलन में महिलाओं के लिए आरक्षण, मुफ्त शिक्षा और चिकित्सा जैसी अन्य मांगें भी उठाई गईं।
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सीपीआई ने असम में बाढ़ और कटाव को राष्ट्रीय समस्या घोषित करने की मांग की

सीपीआई की महत्वपूर्ण मांग


जोरहाट, 11 सितंबर: भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) की राज्य इकाई ने असम में बाढ़ और कटाव की समस्या को राष्ट्रीय समस्या के रूप में घोषित करने की मांग की है, ताकि इस संकट से निपटने के लिए अधिक व्यापक और समन्वित उपाय किए जा सकें।


यह मांग सीपीआई के 25वें असम राज्य सम्मेलन में पारित 20 प्रस्तावों में से एक है, जो 6 से 8 सितंबर तक जोरहाट जिले के टिटाबर में आयोजित किया गया था।


सीपीआई के असम राज्य परिषद के सचिव कनक गोगोई ने इस समाचार पत्र को बताया कि पार्टी ने राज्य की लगातार बाढ़ और बड़े पैमाने पर कटाव की समस्या को राष्ट्रीय समस्या के रूप में मान्यता देने की मांग की है, जो हर साल बड़ी संख्या में लोगों को विस्थापित करती है और उनकी आजीविका को बाधित करती है।


उन्होंने कहा कि यदि बाढ़ और कटाव को राष्ट्रीय समस्या के रूप में मान्यता दी जाती है, तो इस संकट से निपटने के लिए अधिक व्यापक उपाय किए जा सकेंगे, जिससे राज्य के समग्र सामाजिक-आर्थिक विकास पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।


सम्मेलन में अन्य प्रस्तावों में संविधान के अनुच्छेद 371A के आधार पर राज्य को विशेष श्रेणी का राज्य घोषित करना, पड़ोसी राज्यों के साथ असम के दशकों पुराने सीमा विवादों का समाधान, नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 को निरस्त करना, कॉर्पोरेट्स को भूमि हस्तांतरित करने का विरोध, और ओएनजीसी तथा ओआईएल जैसे सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों का निजीकरण करने का विरोध शामिल हैं।


भूमिहीनों को भूमि आवंटित करने, महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण, केजी से पीजी स्तर तक मुफ्त शिक्षा और सभी के लिए मुफ्त चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करने की मांगें भी प्रस्तावों में शामिल की गईं।


सम्मेलन के उद्घाटन दिवस पर एक सांस्कृतिक जुलूस निकाला गया, जिसे कॉमरेड हरन बोरा ने झंडी दिखाकर रवाना किया। इसके बाद 'कॉमरेड गिरिधर थेंगल समनाय क्षेत्र' में एक सार्वजनिक बैठक आयोजित की गई, जिसकी अध्यक्षता वरिष्ठ पार्टी नेता खगेन फुकन ने की। इस बैठक में केंद्रीय सचिव अमरजीत कौर, डॉ. बीके कांगो और केंद्रीय कार्यकारी सदस्य मुनिन महंता ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर 'संग्राम' नामक एक स्मारिका का विमोचन किया गया।


सम्मेलन में राज्य परिषद, राज्य कार्यकारिणी और राज्य नियंत्रण आयोग का चुनाव किया गया, जिसमें क्रमशः 39, 13 और तीन सदस्य शामिल हैं। सम्मेलन में कनक गोगोई को फिर से असम राज्य परिषद का राज्य सचिव चुना गया।