सिंगापुर में भारतीय युवकों की लूटपाट: जेल की सजा का सामना

सिंगापुर में छुट्टियां मनाने आए दो भारतीय युवकों की कहानी एक गंभीर अपराध में बदल गई। उन्होंने सेक्स वर्कर्स के साथ लूटपाट की, जिसके लिए उन्हें सख्त सजा सुनाई गई। यह मामला सिंगापुर के कठोर कानूनों और अपराध के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति को उजागर करता है। जानें इस चौंकाने वाली घटना के बारे में और कैसे इन युवकों को अपनी गलतियों का खामियाजा भुगतना पड़ा।
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सिंगापुर में भारतीय युवकों की लूटपाट: जेल की सजा का सामना

छुट्टियों का सपना बना दुःस्वप्न

सिंगापुर में छुट्टियां बिताने का ख्वाब देखने वाले दो भारतीय युवकों की कहानी अब जेल में समाप्त हो गई है। इन दोनों ने सेक्स वर्कर्स के साथ लूटपाट और हिंसा की, जिसके लिए सिंगापुर की अदालत ने उन्हें कड़ी सजा सुनाई है। आइए इस चौंकाने वाली घटना के बारे में विस्तार से जानते हैं।


छुट्टियों का सफर जेल की ओर

सूत्रों के अनुसार, 23 वर्षीय अरोकियासामी डाइसॉन और 27 वर्षीय राजेंद्रन 24 अप्रैल 2025 को सिंगापुर में गर्मियों की छुट्टियां मनाने पहुंचे थे। लेकिन उनका इरादा केवल घूमने का नहीं था। एक अज्ञात संपर्क के माध्यम से वे दो सेक्स वर्कर्स से मिले। मौके का लाभ उठाते हुए, उन्होंने महिलाओं पर हमला किया और उनका पैसा, गहने और अन्य कीमती सामान लूट लिया।


लूटपाट की भयावह घटना

कोर्ट की रिपोर्ट के अनुसार, इन युवकों ने पहले से ही लूट की योजना बनाई थी। पहले मामले में, उन्होंने एक सेक्स वर्कर को होटल के कमरे में बुलाया, जहां उसे रस्सियों से बांधकर मारपीट की और उसके पास मौजूद नकदी, गहने, पासपोर्ट और बैंक कार्ड चुरा लिए। इसके बाद, उसी रात उन्होंने एक अन्य होटल में दूसरी महिला के साथ भी ऐसा ही किया, जहां से उन्होंने कैश, मोबाइल फोन और पासपोर्ट चुराए।


गुनाह कबूल, लेकिन सजा से नहीं बच सके

पीड़ित महिलाओं ने अगले दिन पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में डाइसॉन और राजेंद्रन ने अपने अपराध को स्वीकार किया। उन्होंने बताया कि आर्थिक तंगी के कारण उन्होंने यह कदम उठाया। कोर्ट में उन्होंने सजा कम करने की अपील की, लेकिन सिंगापुर की सख्त अदालत ने उनकी एक न सुनी। उन्हें 5 साल 1 महीने की कठोर कैद और 12 कोड़े मारने की सजा सुनाई गई।


सिंगापुर के कठोर कानूनों का संदेश

यह मामला सिंगापुर के सख्त कानूनों और अपराध के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति को एक बार फिर उजागर करता है। अदालत ने स्पष्ट किया कि चाहे आप पर्यटक हों या स्थानीय निवासी, अपराध की सजा से कोई नहीं बच सकता। यह सजा उन लोगों के लिए एक चेतावनी है जो विदेश में गलत रास्ते अपनाने का विचार करते हैं।