समृद्धि एक्सप्रेसवे: महाराष्ट्र का पहला नवीनीकरण ऊर्जा गलियारा

समृद्धि एक्सप्रेसवे का नया रूप
हिंदू हृदय सम्राट बालासाहेब ठाकरे महाराष्ट्र समृद्धि महामार्ग, जिसे समृद्धि एक्सप्रेसवे के नाम से जाना जाता है, अब केवल एक तेज यात्रा मार्ग नहीं रहेगा। यह जल्द ही महाराष्ट्र का पहला नवीनीकरण ऊर्जा गलियारा बनने जा रहा है, जहां बुनियादी ढांचे और पर्यावरणीय स्थिरता का समावेश होगा।
हरित पहल
महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास निगम (MSRDC) ने 701 किलोमीटर लंबे मार्ग पर सौर पैनल और पवन टरबाइन के साथ हाइब्रिड नवीनीकरण ऊर्जा प्रणालियों की स्थापना की योजना बनाई है। इसका उद्देश्य प्रारंभिक चरण में 150 से 200 मेगावाट की स्वच्छ ऊर्जा उत्पन्न करना है, जो एक्सप्रेसवे की रोशनी, सुरंगों, इंटरचेंज आदि को शक्ति प्रदान करेगा। इससे न केवल बिजली की लागत में कमी आएगी, बल्कि कार्बन उत्सर्जन भी घटेगा।
अवशिष्ट भूमि का लाभकारी उपयोग
इस योजना की एक महत्वपूर्ण विशेषता यह है कि सौर पैनल और पवन टरबाइन एक्सप्रेसवे के किनारे अव्यवस्थित भूमि पर स्थापित किए जाएंगे। इससे उस भूमि का बेहतर उपयोग होगा और इसे ऊर्जा उत्पादन के स्रोत में परिवर्तित किया जाएगा।
आधुनिक इंजीनियरिंग और पर्यावरणीय जागरूकता का संगम
समृद्धि महामार्ग को लगभग दो और आधे वर्षों में चार चरणों में पूरा किया गया है। इसका 520 किलोमीटर का खंड, जो नागपुर से शिर्डी तक फैला है, दिसंबर 2022 में प्रधानमंत्री द्वारा उद्घाटन किया गया था। जब यह परियोजना पूरी तरह से लागू होगी, तो समृद्धि महामार्ग न केवल एक तेज और कुशल यात्रा मार्ग होगा, बल्कि यह आधुनिक बुनियादी ढांचे और पर्यावरण संतुलन के बीच सामंजस्य का एक जीवंत उदाहरण भी बनेगा।