ली जे-म्यंग: दक्षिण कोरिया के नए राष्ट्रपति की कहानी

दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति चुनाव में लिबरल पार्टी के उम्मीदवार ली जे-म्यंग ने शानदार जीत हासिल की है। उन्हें तुरंत पद ग्रहण करना है, बिना संक्रमण काल के। 61 वर्षीय ली, जो एक मानवाधिकार वकील रह चुके हैं, ने अपने कठिन बचपन से लेकर राजनीतिक क्षेत्र में अपनी यात्रा को साझा किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें बधाई दी है, जिससे भारत-कोरिया संबंधों को और मजबूत करने की उम्मीद है। इस लेख में ली की कहानी और उनकी जीत के बारे में और जानें।
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ली जे-म्यंग: दक्षिण कोरिया के नए राष्ट्रपति की कहानी

दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति चुनाव में जीत

लिबरल पार्टी के उम्मीदवार ली जे-म्यंग ने मंगलवार को दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति चुनाव में शानदार जीत हासिल की। नए राष्ट्रपति को दो महीने के संक्रमण काल का लाभ नहीं मिलेगा और वे तुरंत पद ग्रहण करेंगे। उन्हें पूर्व राष्ट्रपति यून सुक-योल के पिछले दिसंबर में लागू किए गए मार्शल लॉ के बाद खाली हुए पद के लिए चुना गया है।


उच्चतम मतदान प्रतिशत

1997 के बाद से राष्ट्रपति चुनाव में सबसे अधिक मतदान प्रतिशत के साथ, ली ने 49.3% वोट प्राप्त किए, जबकि PPP के उम्मीदवार किम मून-सू को 41.3% वोट मिले। दक्षिण कोरिया के योग्य मतदाताओं ने लिबरल पार्टी के उम्मीदवार को चुनकर सैन्य तानाशाही का विरोध किया है। ली का अभियान मुख्य रूप से दक्षिण कोरिया की लोकतंत्र को मजबूत करने पर केंद्रित था। उन्हें देश को एकजुट करना होगा और पिछले छह महीनों की उथल-पुथल के बाद संकट का सामना करना होगा।


ली जे-म्यंग कौन हैं?

61 वर्षीय ली जे-म्यंग एक समय मानवाधिकार वकील रह चुके हैं। नए राष्ट्रपति एक दूरदराज के पहाड़ी गांव से हैं और एक गरीब किसान परिवार में जन्मे थे। बचपन में, उन्होंने रासायनिक कारखानों में काम किया, जिससे उनकी सुनने की क्षमता प्रभावित हुई और एक हाथ में विकृति रह गई। समय के साथ, वे मानवाधिकार वकील बने और राजनीतिक क्षेत्र में कदम रखा।


प्रधानमंत्री मोदी की बधाई

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को अपने X अकाउंट पर ली को उनकी ऐतिहासिक जीत पर बधाई दी। उन्होंने लिखा, "दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति के रूप में चुने जाने पर श्री ली जे-म्यंग को बधाई। भारत-कोरिया विशेष रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के लिए साथ काम करने की उम्मीद है।"


ट्विटर पर बधाई