रूस-यूक्रेन संघर्ष: जेलेंस्की के ऐलान से युद्ध विराम की उम्मीदें समाप्त

रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे संघर्ष में यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की के हालिया ऐलान ने युद्ध विराम की संभावनाओं को समाप्त कर दिया है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि वे रूस की शर्तों पर युद्ध विराम नहीं करेंगे, जिससे स्थिति और भी गंभीर हो गई है। इस बीच, रूस ने पूर्वी यूक्रेन पर हमले तेज कर दिए हैं। जानें इस जटिल स्थिति के पीछे के कारण और इसके संभावित परिणाम क्या हो सकते हैं।
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रूस-यूक्रेन संघर्ष: जेलेंस्की के ऐलान से युद्ध विराम की उम्मीदें समाप्त

संघर्ष की स्थिति

रूस और यूक्रेन के बीच चल रहा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। पिछले आठ घंटों से रूसी सेना ने यूक्रेन पर जोरदार हमले शुरू कर दिए हैं। रूस की हवाई हमले तब तेज हो गए जब यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने स्पष्ट किया कि वे न तो रूस की शर्तों पर युद्ध विराम करेंगे और न ही अपनी भूमि का एक इंच भी देंगे। इस घोषणा के बाद, युद्ध विराम की संभावनाएं पूरी तरह समाप्त हो गई हैं, जिससे रूसी सेना ने यूक्रेन पर फिर से ताबड़तोड़ हमले शुरू कर दिए हैं.


जेलेंस्की का ऐलान और उसके परिणाम

जेलेंस्की ने यह घोषणा उस समय की जब अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 15 अगस्त को अलास्का में मिलने वाले थे। रिपोर्टों के अनुसार, ट्रंप और पुतिन युद्धविराम के लिए सहमत हो गए थे, लेकिन जेलेंस्की ने इस पर सहमति नहीं दी। उनके इस बयान ने ट्रंप और पुतिन दोनों को नाराज कर दिया है.


युद्ध विराम की संभावनाएं समाप्त

जेलेंस्की के इस ऐलान ने युद्ध की स्थिति को और भड़काने का काम किया है। अलास्का में ट्रंप और पुतिन की वार्ता से पहले ही यह सब कुछ धराशाई हो गया है। जेलेंस्की ने कहा कि वे रूस की शर्तों पर युद्ध विराम नहीं करेंगे और न ही अपनी भूमि का एक इंच भी देंगे। इस तरह के बयान ने ट्रंप के शांति प्रयासों को पूरी तरह से विफल कर दिया है.


रूसी सेना का आक्रमण

जेलेंस्की के ऐलान के बाद, रूसी सेना ने पूर्वी यूक्रेन पर कब्जा करने का अभियान तेज कर दिया है। खारकीव से कीव और सूमी से ओडेसा तक, रूसी सेना जल, थल और नभ से जबरदस्त हमले कर रही है। मिकोलैव और ओडेसा में भीषण बमबारी की जा रही है। रूस का लक्ष्य पूर्वी यूक्रेन को दो भागों में बांटना है, जिससे यूक्रेन के आधे भू-भाग पर खतरा मंडरा रहा है.


जेलेंस्की का निर्णय

जेलेंस्की ने ट्रंप और पुतिन के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है, क्योंकि यूक्रेन की सेना और जनता दोनों ही रूस की शर्तों पर युद्ध विराम नहीं चाहते। एक सर्वेक्षण में 76 प्रतिशत यूक्रेनियन ने कहा है कि वे रूस की शर्तों पर युद्ध विराम को स्वीकार नहीं करेंगे। यूक्रेनी सेनाध्यक्ष ने भी कहा है कि युद्ध विराम ऐसा होना चाहिए जो यूक्रेन के हित में हो.


पुतिन का प्रस्ताव

पुतिन ने युद्ध विराम के लिए एक प्रस्ताव तैयार किया था, जिसमें यूक्रेन से डोनेस्क, लुहांस्क, जेपोरिजिया और खेरसोन छोड़ने की मांग की गई थी। इसके अलावा, अमेरिका को इन क्षेत्रों के साथ क्रीमिया को भी रूसी प्रांत के रूप में मान्यता देने की शर्तें रखी गई थीं। ट्रंप ने इन शर्तों को स्वीकार कर लिया था, लेकिन जेलेंस्की ने इसे ठुकरा दिया.


ट्रंप की सहमति

पुतिन की शर्तों पर ट्रंप की सहमति का कारण यह है कि पिछले साल यूक्रेन के खिलाफ लड़ाई में अमेरिकी खुफिया एजेंसी के एक अधिकारी का बेटा मारा गया था। पुतिन ने उस अधिकारी को ऑर्डर ऑफ लेनिन पुरस्कार दिया था, जिससे ट्रंप प्रभावित हुए और उन्होंने पुतिन की शर्तें मान लीं.