यूएई का राजस्थान में ग्रीन एनर्जी मिशन: 60,000 मेगावाट का निवेश

यूएई सरकार ने राजस्थान में 60,000 मेगावाट के ग्रीन एनर्जी मिशन के लिए मिनर्वा एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से लगभग 3 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया है। यह परियोजना सौर, पवन, बैटरी स्टोरेज और बायोमास प्रोजेक्ट्स को शामिल करेगी, जिससे राज्य की ऊर्जा क्षमता में वृद्धि होगी। इस निवेश से स्थानीय बुनियादी ढांचे और रोजगार के अवसरों में सुधार होगा, और राजस्थान को एक अंतरराष्ट्रीय ग्रीन एनर्जी डेस्टिनेशन के रूप में पहचान मिलेगी। हालांकि, भूमि चयन और ट्रांसमिशन नेटवर्क जैसी चुनौतियाँ भी सामने हैं।
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यूएई का राजस्थान में ग्रीन एनर्जी मिशन: 60,000 मेगावाट का निवेश

यूएई सरकार का नया ग्रीन एनर्जी प्रोजेक्ट

जयपुर: संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) सरकार ने राजस्थान में लगभग 3 लाख करोड़ रुपये के निवेश के लिए एक नई कंपनी, मिनर्वा एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड, स्थापित की है। यह कंपनी राज्य में 60,000 मेगावाट की अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना करेगी, जिसमें सौर, पवन, बैटरी स्टोरेज और बायोमास प्रोजेक्ट शामिल हैं। इस परियोजना के लिए लगभग 1 लाख से 1.25 लाख हेक्टेयर भूमि की आवश्यकता होगी। यह निवेश राजस्थान के साथ-साथ पूरे देश के ऊर्जा क्षेत्र में अब तक का सबसे बड़ा विदेशी निवेश माना जा रहा है.


ऊर्जा क्षेत्र में बदलाव

यह परियोजना राजस्थान की मौजूदा अक्षय ऊर्जा क्षमता से कई गुना अधिक है, जिससे राज्य एक वैश्विक सौर और पवन ऊर्जा केंद्र के रूप में उभर सकता है.


आर्थिक विकास और रोजगार के अवसर

इस प्रोजेक्ट से स्थानीय बुनियादी ढांचे, निर्माण, मशीनरी, इंजीनियरिंग और आपूर्ति श्रृंखला को मजबूती मिलेगी। निर्माण, संचालन और रखरखाव के कारण कई लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे, और तकनीकी संस्थान भी इससे लाभान्वित होंगे.


राजस्थान की वैश्विक पहचान

राजस्थान को ग्रीन एनर्जी डेस्टिनेशन के रूप में अंतरराष्ट्रीय पहचान मिलेगी, जिससे अन्य देशों से निवेश आकर्षित होने की संभावना बढ़ेगी.


मुख्य चुनौतियाँ

1. भूमि चयन: इस विशाल परियोजना के लिए एक ही स्थान पर पर्याप्त भूमि मिलना चुनौतीपूर्ण हो सकता है, इसलिए इसे विभिन्न जिलों में चरणबद्ध तरीके से विकसित किया जा सकता है.


2. ट्रांसमिशन नेटवर्क: इतनी बड़ी मात्रा में बिजली की आपूर्ति के लिए एक नया ट्रांसमिशन नेटवर्क स्थापित करना आवश्यक होगा, और मौजूदा क्षमता में भी विस्तार की आवश्यकता होगी.


भारत और यूएई के बीच समझौता

यूएई के निवेश मंत्री मोहम्मद हसन अल सुवाइदी ने भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर और राज्य के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के साथ अलग-अलग एमओयू पर हस्ताक्षर किए थे। यह पहल यूएई की एक बड़ी रणनीतिक योजना का हिस्सा है, जिसके तहत वह भारत के ऊर्जा क्षेत्र में दीर्घकालिक साझेदारी स्थापित करना चाहता है.


राजस्थान में सौर ऊर्जा की संभावनाएँ

राजस्थान में सबसे अधिक सौर ऊर्जा उत्पादन की क्षमता है, जहां प्रति वर्ग मीटर क्षेत्र से हर साल 5.72 यूनिट सौर ऊर्जा उत्पन्न होती है। अन्य राज्य जैसे गुजरात, महाराष्ट्र और कर्नाटक इस मामले में पीछे हैं, यही कारण है कि निवेशकों की नजर राजस्थान पर है.