मध्यप्रदेश में वन रक्षक रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार

मध्यप्रदेश की आर्थिक अपराध शाखा ने बालाघाट जिले में एक वन रक्षक को 50,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है। यह मामला तब सामने आया जब वन रक्षक ने पुनर्वास मुआवजे के दस्तावेजों को आगे बढ़ाने के लिए पैसे की मांग की। ईओडब्ल्यू ने शिकायतकर्ता के सहयोग से जाल बिछाकर आरोपी को रंगे हाथों पकड़ा। आगे की जांच जारी है।
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मध्यप्रदेश में वन रक्षक रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार

रिश्वत लेते वन रक्षक की गिरफ्तारी

मध्यप्रदेश की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने बृहस्पतिवार को बालाघाट जिले में एक वन रक्षक को 50,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा।


ईओडब्ल्यू द्वारा जारी एक बयान में कहा गया कि लालबर्रा वन रेंज में कार्यरत मत्तम नागपुरे (56) को नवेगांव गांव के निवासी राजेंद्र धुर्वे से पैसे लेते हुए पकड़ा गया।


बयान में यह भी उल्लेख किया गया कि नागपुरे ने पुनर्वास मुआवजे से संबंधित दस्तावेजों को आगे बढ़ाने के लिए धुर्वे से 3.5 लाख रुपये की मांग की थी। अधिकारियों ने बताया कि नवेगांव समेत तीन वन गांवों को सोनेवानी अभयारण्य से स्थानांतरित किया जा रहा है।


प्रत्येक विस्थापित परिवार को मुआवजे के रूप में 15 लाख रुपये मिलने हैं, जिसमें से 5 लाख रुपये की पहली किस्त पहले ही उनके बैंक खातों में जमा की जा चुकी है।


धुर्वे ने नागपुरे द्वारा पैसे मांगने के बाद ईओडब्ल्यू से संपर्क किया, जिसने लालबर्रा में एसबीआई शाखा के पास जाल बिछाया। धुर्वे ने बताया कि उसने बैंक से 50,000 रुपये निकाले और शेष 3 लाख रुपये की निकासी पर्ची दिखाई।


इसी दौरान, ईओडब्ल्यू की टीम ने उन्हें पैसे लेते हुए पकड़ लिया। बयान में कहा गया है कि नागपुरे के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक (संशोधन) अधिनियम, 2018 के तहत मामला दर्ज किया गया है और आगे की जांच जारी है।