भारत में मंकीपॉक्स: लक्षण, फैलने का तरीका और खतरे

भारत में मंकीपॉक्स का पहला मामला केरल में सामने आया है, जिससे स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक उच्च स्तरीय टीम को भेजा है। जानें इस वायरस के लक्षण, फैलने का तरीका और इससे होने वाले खतरे के बारे में। क्या आपको चिंता करने की जरूरत है? इस लेख में हम आपको सभी महत्वपूर्ण जानकारी देंगे।
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भारत में मंकीपॉक्स: लक्षण, फैलने का तरीका और खतरे

मंकीपॉक्स का नया खतरा


कोरोना महामारी के बाद अब एक नया वायरस, मंकीपॉक्स, लोगों के लिए चिंता का विषय बन गया है। भारत में इसका पहला मामला केरल में सामने आया है, जिसके बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्थिति को संभालने के लिए एक उच्च स्तरीय टीम को वहां भेजा है।


पहला मामला और लक्षण

भारत में मंकीपॉक्स: लक्षण, फैलने का तरीका और खतरे


केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने बताया कि 35 वर्षीय व्यक्ति हाल ही में विदेश से लौटे थे और उनमें मंकीपॉक्स के लक्षण दिखाई दिए। उन्हें तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया। इस मामले ने कई लोगों में चिंता पैदा कर दी है।


मंकीपॉक्स के लक्षण

मंकीपॉक्स के लक्षण (Monkeypox Symptoms)


भारत में मंकीपॉक्स: लक्षण, फैलने का तरीका और खतरे


AIIMS के मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर पीयूष रंजन के अनुसार, मंकीपॉक्स के लक्षण निम्नलिखित हैं:



  1. शुरुआती लक्षणों में बुखार और लिंफ नोड्स का बढ़ना शामिल है।

  2. इसके लक्षण स्मालपॉक्स और चिकनपॉक्स से मिलते-जुलते हैं।

  3. वायरस के संपर्क में आने के 1 से 5 दिनों के भीतर चेहरे, हथेलियों और तलवों पर चकत्ते दिखाई दे सकते हैं।

  4. आंखों की कॉर्निया में रैशेज भी हो सकते हैं, जो दृष्टि को प्रभावित कर सकते हैं।

  5. सिरदर्द, हाथ-पैर में दर्द और कोशिकाओं में सूजन आम लक्षण हैं।


फैलने का तरीका

ऐसे फैलता है मंकीपॉक्स


यह वायरस कोरोना की तरह तेजी से नहीं फैलता। यह आमतौर पर जानवरों में पाया जाता है और इंसानों में संक्रमण का मुख्य स्रोत जानवर होते हैं। हालाँकि, अब इंसान से इंसान में भी इसका प्रसार देखा गया है।


भारत में मंकीपॉक्स: लक्षण, फैलने का तरीका और खतरे


यह संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में लंबे समय तक रहने से फैलता है और रेस्पिरेट्री ड्रॉपलेट्स और बॉडी फ्लूइड्स के माध्यम से भी। यदि मरीज को समय पर आइसोलेट किया जाए, तो अन्य लोग इससे बच सकते हैं। आमतौर पर यह बीमारी 4 हफ्तों में अपने आप ठीक हो जाती है।


खतरा और सावधानियाँ

मंकीपॉक्स से कितना खतरा है?


प्रोफेसर पीयूष रंजन के अनुसार, इस वायरस से डरने की आवश्यकता नहीं है। अनुसंधानों में इसकी केस फर्टिलिटी रेट कम पाई गई है, लेकिन यह बच्चों के लिए कोविड वायरस की तुलना में अधिक खतरनाक हो सकता है।


मंकीपॉक्स के लक्षण पहली बार 1970 में अफ्रीका में देखे गए थे और तब से यह वहीं तक सीमित था। हालाँकि, अब इसके मामले अन्य देशों में भी सामने आ रहे हैं।