भारत में क्रिप्टो एक्सचेंजों पर सरकार की नजर, 623 करोड़ की धोखाधड़ी का खुलासा
सरकार की जांच में शामिल 27 क्रिप्टो एक्सचेंज
सरकार की नजर में चढ़े 27 भारतीय क्रिप्टो एक्सचेंज
क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज: देश में साइबर अपराध एक गंभीर समस्या बन चुका है, और अब अपराधी फाइनेंशियल लॉन्ड्रिंग के लिए क्रिप्टोकरेंसी का सहारा ले रहे हैं। यह जानकारी केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन काम करने वाले इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर (I4C) के डेटा से सामने आई है। यह डेटा स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि कैसे कई स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय क्रिप्टो एक्सचेंज साइबर अपराधियों के लिए चोरी किए गए धन को डिजिटल संपत्ति में परिवर्तित करने का एक बड़ा साधन बन गए हैं।
एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले 21 महीनों (जनवरी 2024 से सितंबर 2025) में, कम से कम 27 भारतीय क्रिप्टो एक्सचेंजों का उपयोग करके लगभग ₹623.63 करोड़ की धोखाधड़ी की गई है। इस धोखाधड़ी का शिकार होने वाले लोगों की संख्या 2,872 है। यदि आप भी इन प्लेटफॉर्म्स पर ट्रेड करते हैं, तो आपको सतर्क रहने की आवश्यकता है।
क्रिप्टो एक्सचेंजों का उपयोग ‘गंदे पैसे’ को छिपाने के लिए
यह पूरा मामला नकली ट्रेडिंग और निवेश ऐप्स के माध्यम से शुरू होता है। अपराधियों ने भोले-भाले निवेशकों को इन फर्जी ऐप्स के जरिए आकर्षित किया। जब निवेशकों ने पैसे लगाए, तो उन्हें तुरंत क्रिप्टोकरेंसी में परिवर्तित कर दिया गया। इसके बाद, इस क्रिप्टो को विभिन्न वॉलेट्स के माध्यम से घुमाया गया, जिससे जांच एजेंसियों के लिए पैसे के असली स्रोत का पता लगाना मुश्किल हो गया। अधिकारियों का मानना है कि यह नेटवर्क और भी बड़ा हो सकता है।
इसी कारण से I4C ने इन 27 एक्सचेंजों की सूची प्रवर्तन एजेंसियों और देश की फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट (FIU) को सौंप दी है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि इस दौरान विदेशी क्रिप्टो प्लेटफॉर्म्स का उपयोग करके 769 लोगों से ₹25 करोड़ से अधिक की ठगी की गई।
जांच में शामिल प्रमुख क्रिप्टो एक्सचेंज
- जिन भारतीय क्रिप्टो एक्सचेंजों की जांच की जा रही है उनमें CoinDCX, WazirX, Giottus, Zebpay, Mudrex, CoinSwitch, Carret, Inocyx, Eclipton, Onramp, CoinDhan, Pi42, SunCrypto, Flitpay, KoinBX, Transak, Unocoin, AlpYne, ArthBit, CryptoShatabdi, Bytex, Onmeta, Stable Pay, Buyucoin, BitBNS, और Fantzar शामिल हैं।
- विदेशी एक्सचेंज/प्लेटफॉर्म जो रडार पर हैं: Binance, Crypto.com, Bybit, Onlychain (Vilnius), Ezipay (मॉरीशस), Mercuryo, Neteller.com, Bitget, Moonpay, Skrill.com, OnlyFans, और Banxa।
इन एक्सचेंजों में CoinDCX, WazirX, Giottus, ZebPay, Mudrex और CoinSwitch जैसे लोकप्रिय नाम भी शामिल हैं। इन प्लेटफॉर्म्स ने अपनी सफाई में कहा है कि वे केवल ‘कानूनी ट्रेड’ की सुविधा प्रदान करते हैं और किसी भी अपराध में सीधे शामिल नहीं हैं। उनका दावा है कि मजबूत KYC (अपने ग्राहक को जानो) और AML (एंटी मनी लॉन्ड्रिंग) जैसे कड़े नियमों के बावजूद, अपराधी कभी-कभी P2P (पीयर-टू-पीयर) चैनलों या बाहरी वॉलेट्स का दुरुपयोग कर लेते हैं।
भारत में क्रिप्टो अपराध रोकने में चुनौतियाँ
भारत में क्रिप्टोकरेंसी के मामले में नियम-कानून अभी भी स्पष्ट नहीं हैं। सरकार बहुत सतर्क है, क्योंकि यदि वह नियम बनाती है तो यह क्रिप्टो को एक तरह से मंजूरी देने जैसा माना जाएगा। इससे और अधिक लोग इस अत्यधिक अस्थिर संपत्ति में निवेश कर सकते हैं, जो वित्तीय प्रणाली के लिए खतरा पैदा कर सकता है।
वर्तमान में, वित्त मंत्रालय क्रिप्टोकरेंसी पर एक ‘चर्चा पत्र’ तैयार कर रहा है, लेकिन यह केवल प्रारंभिक विचार हैं, कोई अंतिम नीति नहीं है। इस नियामक खालीपन के कारण जांच एजेंसियों को भी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। उदाहरण के लिए, उन्हें यह तय करने में परेशानी हो रही है कि जांच के दौरान जब्त किए गए डिजिटल कॉइन्स को कहां रखा जाए।
एक शीर्ष एजेंसी ने तो अस्थायी रूप से लगभग $4 मिलियन (करीब ₹33 करोड़) मूल्य की जब्त क्रिप्टोकरेंसी को एक निजी फर्म के पास सुरक्षित कस्टडी में रखा है। विशेषज्ञों का कहना है कि जब तक सरकार की तरफ से स्पष्ट और कड़े नियम नहीं आते, तब तक क्रिप्टो में निवेश करते समय हर कदम पर अत्यधिक सावधानी बरतें। किसी भी नकली निवेश ऐप या आकर्षक ऑफ़र के झांसे में न आएं।
