भारत में कोरोना मामलों में तेजी: 10 दिन में 257 से 3758 तक का सफर

भारत में कोरोना वायरस के मामलों में तेजी से वृद्धि हो रही है। 10 दिन पहले जहां सक्रिय मरीजों की संख्या 257 थी, अब यह आंकड़ा 3758 तक पहुंच गया है। पिछले 24 घंटों में 360 नए मामले सामने आए हैं, जिनमें से दो लोगों की मृत्यु भी हुई है। विभिन्न राज्यों में कोरोना के मामलों की स्थिति जानें और डॉक्टरों की सलाह पर ध्यान दें। क्या यह नया वेरिएंट चिंता का विषय है? जानने के लिए पढ़ें पूरा लेख।
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भारत में कोरोना मामलों में तेजी: 10 दिन में 257 से 3758 तक का सफर

भारत में कोरोना की स्थिति

भारत में कोरोना वायरस के मामलों में तेजी आई है। 10 दिन पहले जहां सक्रिय मरीजों की संख्या 257 थी, अब यह आंकड़ा 3500 से अधिक हो चुका है। पिछले 24 घंटों में 360 नए मामले सामने आए हैं, जिनमें से दो लोगों की मृत्यु भी हुई है। वर्तमान में सक्रिय मरीजों की संख्या 3758 है और पॉजिटिविटी रेट में भी वृद्धि देखी गई है।


राज्यों में कोरोना के मामले

रविवार तक के आंकड़ों के अनुसार, केरल में 1400, महाराष्ट्र में 814 और दिल्ली में 436 कोरोना के मामले हैं। नीचे दी गई तालिका से विभिन्न राज्यों में सक्रिय मरीजों की संख्या को समझा जा सकता है:


राज्यवार सक्रिय मरीजों की संख्या

राज्य सक्रिय मरीज
केरल 1400
महाराष्ट्र 814
दिल्ली 436
गुजरात 320
बंगाल 287
कर्नाटक 238
तमिलनाडु 199
उत्तर प्रदेश 147
राजस्थान 62


कोरोना से मौतों की संख्या

अब तक देश में कोरोना से 28 लोगों की मृत्यु हो चुकी है, जिसमें केरल और महाराष्ट्र में 7-7 मौतें शामिल हैं। कर्नाटक ने भी बढ़ते मामलों के मद्देनजर एक सर्कुलर जारी किया है, जिसमें भीड़-भाड़ वाले स्थानों से बचने और मास्क पहनने की सलाह दी गई है।


कोरोना की रफ्तार में वृद्धि

देश में कोरोना के मामलों में तेजी से वृद्धि हो रही है। आंकड़ों के अनुसार, 22 मई को सक्रिय मरीजों की संख्या 257 थी, जो 26 मई तक बढ़कर 1010 हो गई। पिछले 24 घंटों में 360 नए मामले सामने आए हैं, जिनमें दो मौतें भी शामिल हैं।


डॉक्टरों की सलाह

बढ़ते मामलों के बीच डॉक्टरों का कहना है कि अधिकांश लोगों में गंभीर लक्षण नहीं हैं, इसलिए घबराने की आवश्यकता नहीं है। केवल आवश्यक नियमों का पालन करना और सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखना जरूरी है।


एनबी.1.8.1 और एलएफ.7 सब वेरिएंट

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एनबी.1.8.1 और एलएफ.7 को 'मॉनीटरिंग के तहत वेरिएंट' के रूप में वर्गीकृत किया है। इसका अर्थ है कि इन पर बारीकी से नजर रखी जा रही है और ये अभी तक गंभीर समस्या नहीं बने हैं। रिपोर्ट के अनुसार, चीन और एशिया के अन्य हिस्सों में कोविड-19 मामलों में वृद्धि के पीछे ये सब वेरिएंट हो सकते हैं।