भारत में HKU1 वायरस का पहला मामला: जानें इसके लक्षण और फैलने का तरीका
HKU1 वायरस का मामला भारत में
भारत में आया HKU1 वायरस का मामला
कोलकाता की एक महिला में HKU1 वायरस की पुष्टि हुई है। महिला को हाल ही में फ्लू जैसे लक्षण महसूस हो रहे थे। जब उनके सैंपल की जांच की गई, तो इस वायरस की मौजूदगी पाई गई। हालांकि, उनकी स्थिति स्थिर है और गंभीर लक्षण नहीं हैं। महिला के संपर्क में आए लोगों की पहचान की जा रही है और यह भी पता लगाया जा रहा है कि महिला को यह वायरस कैसे लगा। HKU1 (HCoV-HKU1) वायरस के बारे में और जानकारी के लिए विशेषज्ञों से जानते हैं।
महामारी विशेषज्ञ डॉ. अजय कुमार के अनुसार, HKU1 कोरोना वायरस परिवार का एक सदस्य है। इसके लक्षण फ्लू जैसे होते हैं और कुछ मामलों में यह फेफड़ों पर भी असर डाल सकता है। यह वायरस कोविड-19 के समान लक्षण उत्पन्न करता है, लेकिन इसकी गंभीरता कम होती है। फिर भी, 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोग, जिनकी पहले से कोई गंभीर बीमारी है या जिनकी इम्यूनिटी कमजोर है, उन्हें इससे अधिक खतरा हो सकता है।
HKU1 (HCoV-HKU1) वायरस की पहचान
डॉ. अजय कुमार बताते हैं कि यह वायरस नया नहीं है। इसे 2005 में हांगकांग में पहली बार पहचाना गया था। तब से, इसके मामले दुनिया के विभिन्न देशों में सामने आते रहे हैं। इस वायरस की संक्रमण दर और मृत्यु दर कोविड-19 की तुलना में काफी कम है। इसके लक्षणों की जानकारी होना आवश्यक है ताकि समय पर पहचान कर स्थिति को गंभीर होने से रोका जा सके।
डॉ. अजय का कहना है कि कई प्रकार के वायरस हमारे आस-पास मौजूद रहते हैं। जब फ्लू जैसे लक्षण दिखें, तो तुरंत जांच कराना जरूरी है।
HKU1 वायरस का फैलने का तरीका
HKU1 वायरस संक्रमित व्यक्ति से फैलता है। जब कोई संक्रमित व्यक्ति खांसता या छींकता है, तो वह हवा में वायरस फैला सकता है। दूषित सतहों के संपर्क में आने से भी संक्रमण हो सकता है। इसका संक्रमण कोरोना वायरस के समान है।
HKU1 वायरस के लक्षण
बुखार जो 3-5 दिनों तक रहता है
सांस लेने में कठिनाई और सीने में जकड़न
मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द
