भारत-पाकिस्तान तनाव: अमेरिका का रवैया और भारत की नई चुनौतियाँ

भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव
भारत और पाकिस्तान के बीच का तनाव अभी भी कम होने का नाम नहीं ले रहा है। पाकिस्तान, भारत की मजबूत सेना से हारने के बावजूद, अपनी बड़बोलापन जारी रखे हुए है। भारत जैसे शक्तिशाली देश के लिए पाकिस्तान कोई गंभीर चुनौती नहीं है, लेकिन वह आतंकवाद को अपनी विदेश नीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बना चुका है।
दुनिया का विचित्र रवैया
हालांकि, कई देशों का इस स्थिति पर अजीब रवैया है। चीन का डर समझा जा सकता है, क्योंकि उसने भारत के एक बड़े हिस्से पर अवैध कब्जा कर रखा है। उसे हमेशा यह चिंता रहती है कि भारत अपनी भूमि वापस ले सकता है, जिससे उसके मंसूबे ध्वस्त हो जाएंगे।
अमेरिका का आश्चर्यजनक रवैया
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का रवैया भी हैरान करने वाला है। भारत के प्रधानमंत्री ने पिछले चुनाव में ट्रंप के अभियान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इस बार, भारतीय मूल के लोगों ने ट्रंप की जीत में बड़ी भूमिका निभाई है। भारत, एक प्राचीन लोकतंत्र होने के नाते, अमेरिका के नेताओं के लिए महत्वपूर्ण है।
भारत की वैश्विक भूमिका
भारत ने विश्व शांति, जलवायु परिवर्तन और वैश्विक व्यापार में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। 1947 में स्वतंत्रता के बाद से, भारत की सरकारों ने हमेशा संवाद और शांति की वकालत की है। लेकिन इसके बावजूद, ट्रंप के बयानों से भारत के लिए असहज स्थिति उत्पन्न हो रही है।
विपक्ष की प्रतिक्रिया
भारत में विपक्षी दल ट्रंप के बयानों का हवाला देकर मोदी सरकार पर आरोप लगा रहे हैं। 16 विपक्षी दलों के नेताओं ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है।
अमेरिका का भारत के प्रति रवैया
अमेरिकी वाणिज्य मंत्री ने स्पष्ट किया है कि भारत द्वारा रूस से सैन्य सामान खरीदने के कारण अमेरिका नाराज है। यह ध्यान देने योग्य है कि भारत के पहले प्रधानमंत्री ने गुटनिरपेक्ष आंदोलन की नींव रखी थी, लेकिन अमेरिका ने हमेशा पाकिस्तान का समर्थन किया है।
भारत की नई चुनौतियाँ
भारत ने कई दशकों में पाकिस्तान से खुद को आगे बढ़ाया है, लेकिन अमेरिका अब दोनों देशों को एक ही तराजू पर तौलने की कोशिश कर रहा है। इस स्थिति में, भारत को अपनी लड़ाई खुद लड़नी होगी।
भविष्य की दिशा
भारत को अमेरिका और अन्य देशों में रह रहे भारतीयों की ताकत का सही उपयोग करना चाहिए और अपने विशाल बाजार की क्षमता का भी सही तरीके से इस्तेमाल करना चाहिए।