भारत ने यूक्रेन संघर्ष पर चिंता व्यक्त की, स्थायी शांति की आवश्यकता पर जोर दिया

भारत ने यूक्रेन संघर्ष के परिणामों पर चिंता व्यक्त की है, विशेषकर ईंधन की कीमतों में वृद्धि को लेकर। देश ने कहा है कि वैश्विक दक्षिण के देशों को उनके हाल पर छोड़ दिया गया है और कूटनीतिक प्रयासों के माध्यम से युद्ध को समाप्त करने की आवश्यकता है। भारत के स्थायी प्रतिनिधि ने निर्दोष लोगों की जान जाने को अस्वीकार्य बताया और सभी हितधारकों की भागीदारी की आवश्यकता पर जोर दिया। प्रधानमंत्री मोदी और विदेश मंत्री जयशंकर ने भी इस मुद्दे पर बातचीत की है।
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भारत ने यूक्रेन संघर्ष पर चिंता व्यक्त की, स्थायी शांति की आवश्यकता पर जोर दिया

भारत की चिंताएं और कूटनीतिक प्रयास

भारत ने यूक्रेन संघर्ष के प्रभावों, विशेषकर ईंधन की कीमतों में वृद्धि, पर चिंता व्यक्त की है। देश ने कहा है कि वैश्विक दक्षिण के देशों को उनके हाल पर छोड़ दिया गया है। भारत ने यह भी बताया कि कूटनीतिक प्रयासों के माध्यम से युद्ध को समाप्त करने और स्थायी शांति स्थापित करने की संभावना है।


संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि, राजदूत पर्वतनेनी हरीश ने कहा कि निर्दोष लोगों की जान का जाना अस्वीकार्य है और युद्ध के मैदान में कोई समाधान नहीं निकल सकता। उन्होंने कहा कि भारत यूक्रेन की स्थिति को लेकर चिंतित है।


हरीश ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में 'यूक्रेन के कब्जे वाले क्षेत्रों की स्थिति' पर चर्चा के दौरान कहा कि संघर्ष के परिणामस्वरूप ईंधन की कीमतें और अन्य मुद्दे वैश्विक स्तर पर प्रभाव डाल रहे हैं, खासकर ग्लोबल साउथ के देशों पर। उन्होंने कहा कि इन देशों की आवाज़ को सुना जाना चाहिए और उनकी चिंताओं का समाधान किया जाना चाहिए।


ग्लोबल साउथ और भारत की भूमिका

ग्लोबल साउथ से तात्पर्य उन देशों से है जिन्हें विकासशील या कम विकसित माना जाता है, और ये मुख्य रूप से अफ्रीका, एशिया और लातिन अमेरिका में स्थित हैं। भारत ने स्थायी शांति के लिए सभी हितधारकों की भागीदारी और प्रतिबद्धता की आवश्यकता पर जोर दिया।


हरीश ने कहा कि भारत ने हाल ही में अलास्का में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच हुई शिखर बैठक का समर्थन किया और उसमें हुई प्रगति की सराहना की। उन्होंने कहा कि भारत यूक्रेन के राष्ट्रपति और यूरोपीय नेताओं के साथ बातचीत के अमेरिकी प्रयासों को भी महत्वपूर्ण मानता है।


उन्होंने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मौजूदा स्थिति पर पुतिन, जेलेंस्की और यूरोपीय नेताओं के संपर्क में हैं। मोदी ने यह संदेश दिया है कि 'यह युद्ध का युग नहीं है।'


प्रधानमंत्री मोदी और विदेश मंत्री की बातचीत

संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत के बयान से कुछ घंटे पहले, प्रधानमंत्री मोदी ने यूरोपीय संघ के नेताओं एंटोनियो कोस्टा और उर्सुला वॉन डेर लेयेन से बातचीत की। मोदी ने 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा कि उन्होंने आपसी हितों और यूक्रेन में संघर्ष को समाप्त करने के प्रयासों पर चर्चा की।


इससे पहले, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने यूक्रेन के विदेश मंत्री आंद्रेई सिबिहा से बात की और द्विपक्षीय सहयोग के साथ-साथ यूक्रेन संघर्ष पर चर्चा की। जयशंकर ने कहा कि भारत इस संघर्ष के शीघ्र अंत और स्थायी शांति का समर्थन करता है।