भारत के पर्यटन क्षेत्र में विदेशी सैलानियों की बढ़ती रुचि

भारत का पर्यटन उद्योग महामारी के बाद तेजी से उभर रहा है, जिसमें विदेशी पर्यटकों की संख्या में 10-15% की वृद्धि की उम्मीद है। IATO के अनुसार, अमेरिका, यूरोप और अन्य क्षेत्रों से शानदार प्रतिक्रिया मिल रही है। यदि यह प्रवृत्ति जारी रही, तो 2026 तक विदेशी पर्यटकों की संख्या 2019 के स्तर तक पहुंच सकती है। यात्रियों की रुचि अब पारंपरिक स्थलों से आगे बढ़कर उत्तर-पूर्व और हिमालयी राज्यों की ओर बढ़ रही है, जहां वे अनुभव-आधारित पर्यटन का आनंद ले रहे हैं।
 | 
भारत के पर्यटन क्षेत्र में विदेशी सैलानियों की बढ़ती रुचि

भारत का पर्यटन उद्योग फिर से सक्रिय

भारत के पर्यटन क्षेत्र में विदेशी सैलानियों की बढ़ती रुचि

भारत का इनबाउंड टूरिज्म

भारत का पर्यटन क्षेत्र महामारी के बाद धीरे-धीरे अपनी गति प्राप्त कर रहा है। इंडियन एसोसिएशन ऑफ टूर ऑपरेटर्स (IATO) के अनुसार, इस साल के पीक सीजन में विदेशी पर्यटकों की संख्या पिछले वर्ष की तुलना में 10-15% बढ़ने की संभावना है। इससे देश का इनबाउंड टूरिज्म फिर से प्री-कोविड स्तर के करीब पहुंचता दिखाई दे रहा है।

IATO के अध्यक्ष रवि गोसाईं ने बताया कि इस वर्ष पर्यटन कंपनियों को अमेरिका, यूरोप, मध्य पूर्व और दक्षिण-पूर्व एशिया जैसे क्षेत्रों से शानदार प्रतिक्रिया मिल रही है। उन्होंने कहा, 'हमारे अधिकांश सदस्य पिछले वर्ष की तुलना में 10 से 15 प्रतिशत अधिक बुकिंग कर रहे हैं। यह दर्शाता है कि भारत में विदेशी यात्रियों की रुचि लगातार बढ़ रही है।'

महामारी से पहले के स्तर पर वापसी की उम्मीद

गोसाईं ने आगे कहा कि यदि यह प्रवृत्ति जारी रही, तो 2026 की शुरुआत तक भारत में विदेशी पर्यटकों की संख्या महामारी से पहले के स्तर, यानी 2019 के आंकड़ों के बराबर पहुंच सकती है। प्रारंभिक अनुमानों के अनुसार, 2025 में लगभग 10 से 10.5 मिलियन पर्यटक भारत आ सकते हैं, जबकि 2019 में यह संख्या 10.9 मिलियन थी।

टूरिज्म मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, पिछले वर्ष भारत में 9.95 मिलियन विदेशी पर्यटक आए थे, जो 2023 के 9.52 मिलियन से लगभग 4.5% अधिक है। यह लगातार रिकवरी का संकेत है, हालांकि अभी भी 2019 के स्तर तक पहुंचना बाकी है।

लंबी बुकिंग और स्थायी प्रवास से बढ़ा विश्वास

रवि गोसाईं ने बताया कि प्रारंभिक बुकिंग से एक नया ट्रेंड उभर रहा है। अब यात्री लंबे समय तक रुकने की इच्छा रखते हैं, अधिक खर्च कर रहे हैं और भारत के अनुभव-आधारित और स्थायी पर्यटन की ओर आकर्षित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि यात्रियों की पसंद अब पारंपरिक गोल्डन ट्रायंगल (दिल्ली-आगरा-जयपुर) से आगे बढ़ चुकी है। पर्यटक अब उत्तर-पूर्व, दक्षिण भारत और हिमालयी राज्यों की ओर बढ़ रहे हैं, जहां उन्हें प्रकृति, संस्कृति और साहसिकता का बेहतरीन मिश्रण मिलता है।