भारत की भूमिका: क्या मोदी रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त कर सकते हैं?

भारत और यूक्रेन के बीच बढ़ती बातचीत के बीच, यूक्रेन ने भारत से रूस-यूक्रेन संघर्ष को समाप्त करने में सक्रिय भूमिका निभाने की अपील की है। यूक्रेन के राजदूत ने बताया कि राष्ट्रपति जेलेंस्की की भारत यात्रा की योजना बनाई जा रही है। इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण वार्ताएं हो सकती हैं। जानें कैसे भारत इस संघर्ष में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी बन सकता है।
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भारत की भूमिका: क्या मोदी रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त कर सकते हैं?

भारत और रूस-यूक्रेन संघर्ष


रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे संघर्ष के बीच, अमेरिका ने हाल ही में भारत के खिलाफ टैरिफ लगाने का निर्णय लिया है। पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का मानना है कि भारत रूस से तेल खरीदता रहा है, जिससे यह युद्ध जारी है। इस संदर्भ में, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की भारत यात्रा की चर्चा हो रही है। साथ ही, यूक्रेन के राजदूत अलेक्जेंडर पोलिशचुक ने बताया कि यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की भी भारत आने वाले हैं।


यूक्रेन ने भारत से अपील की है कि वह रूस के साथ चल रहे संघर्ष को समाप्त करने में अधिक सक्रिय भूमिका निभाए। पोलिशचुक ने कहा कि भारत के साथ रूस के लंबे संबंधों को देखते हुए, यूक्रेन भारत को संभावित शांति वार्ताओं में एक महत्वपूर्ण भागीदार मानता है।


भारत-यूक्रेन वार्ता में वृद्धि

पोलिशचुक ने यूक्रेन के राष्ट्रीय ध्वज दिवस पर कहा कि 2023 में भारत और यूक्रेन के बीच बातचीत में वृद्धि हुई है, जिसे उन्होंने सकारात्मक बताया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस बयान की सराहना की, जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत युद्ध में तटस्थ नहीं है, बल्कि शांति और कूटनीति का समर्थन करता है। उन्होंने उम्मीद जताई कि सितंबर में होने वाले संयुक्त राष्ट्र महासभा सत्र में यह बातचीत जारी रहेगी।


जब जेलेंस्की की भारत यात्रा के बारे में पूछा गया, तो राजदूत ने कहा कि दोनों देश यात्रा की तारीख और वार्ता के विषय को अंतिम रूप देने में लगे हैं।


भारत-यूक्रेन के ऐतिहासिक संबंध

यूक्रेनी राजदूत ने एक लेख में भारत-यूक्रेन संबंधों का उल्लेख किया है। उन्होंने बताया कि यूक्रेन के तीन राष्ट्रपति भारत का दौरा कर चुके हैं, जबकि भारत के दो राष्ट्रपति यूक्रेन जा चुके हैं। 2021 तक, द्विपक्षीय व्यापार लगभग 3.4 अरब डॉलर तक पहुंच गया था।


उन्होंने कहा कि नवंबर 2021 में ग्लासगो में जलवायु शिखर सम्मेलन के दौरान यूक्रेन के राष्ट्रपति और भारत के प्रधानमंत्री के बीच पहली बैठक हुई थी। मई 2023 से, ऐसी बैठकें और टेलीफोन वार्ताएं नियमित हो गई हैं। 23 अगस्त 2024 को मोदी की यूक्रेन यात्रा ने द्विपक्षीय संबंधों में एक नया अध्याय खोला।


राजदूत ने आगे कहा कि वे भारत से शांति-निर्माण प्रक्रिया में अधिक भागीदारी की उम्मीद करते हैं। उनका मानना है कि सभी बैठकें इस बात पर चर्चा करेंगी कि भारत रूस के साथ राजनीतिक बातचीत में कैसे शामिल हो सकता है।