भारत का अमेरिका को करारा जवाब: 1971 के युद्ध की याद दिलाई

भारत का सख्त संदेश
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने का ऐलान किया था। इसके बाद, रूस से तेल खरीदने के मुद्दे पर उन्होंने भारत पर और टैरिफ बढ़ाने की बात कही। ट्रंप को लगा कि भारत इन टैरिफ को चुपचाप सहन करेगा, लेकिन भारत सरकार ने तुरंत प्रतिक्रिया दी। विदेश मंत्रालय के बाद, भारतीय सेना ने भी अमेरिका को एक स्पष्ट संदेश भेजा है।
भारतीय सेना का ऐतिहासिक संदर्भ
भारतीय सेना ने 5 अगस्त, 1971 की एक पुरानी समाचार क्लिप साझा की है, जिसमें अमेरिका द्वारा पाकिस्तान को युद्ध से पहले हथियार मुहैया कराने का उल्लेख है। यह पोस्ट उस समय की याद दिलाती है जब अमेरिका ने पाकिस्तान को समर्थन दिया था। इस क्लिप में तत्कालीन रक्षा मंत्री वीसी शुक्ला के बयान का हवाला दिया गया है, जिसमें उन्होंने बताया था कि कैसे बांग्लादेश में पाकिस्तान के आक्रमण के दौरान नाटो और सोवियत संघ से सलाह ली गई थी।
भारत की स्थिति
विदेश मंत्रालय ने अमेरिका और यूरोपीय संघ की आलोचना का कड़ा जवाब दिया है, जो रूस से तेल खरीदने को लेकर की गई थी। भारत ने इसे अनुचित और बेबुनियाद बताया है, यह कहते हुए कि वह केवल अपनी आवश्यकताओं को पूरा कर रहा है। मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि रूस से कच्चे तेल का आयात वैश्विक बाजार की स्थिति के कारण आवश्यक हो गया है।
अमेरिका की दोहरी नीति
भारत की आलोचना करने वाले देश खुद रूस के साथ व्यापार कर रहे हैं। अमेरिका अपने परमाणु उद्योग के लिए रूस से यूरेनियम हेक्साफ्लोराइड, इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग के लिए पैलेडियम और उर्वरकों का आयात जारी रखे हुए है। ऐसे में भारत को निशाना बनाना अनुचित है।