भाई दूज और रक्षाबंधन: जानें दोनों त्योहारों में क्या है अंतर

भाई दूज और रक्षाबंधन, दोनों भाई-बहन के रिश्ते का प्रतीक हैं, लेकिन इनके मनाने का तरीका भिन्न है। भाई दूज दिवाली के अगले दिन मनाया जाता है, जबकि रक्षाबंधन श्रावण मास की पूर्णिमा को। जानें इन दोनों त्योहारों के बीच के महत्वपूर्ण अंतर और उनके विशेष महत्व के बारे में।
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भाई दूज और रक्षाबंधन: जानें दोनों त्योहारों में क्या है अंतर

भाई दूज और रक्षाबंधन

भाई दूज और रक्षाबंधन: जानें दोनों त्योहारों में क्या है अंतर

भाई दूज और रक्षाबंधन

भाई दूज, जो भाई-बहन के रिश्ते का प्रतीक है, हर साल दिवाली के अगले दिन धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की लंबी उम्र के लिए प्रार्थना करती हैं और उनके माथे पर तिलक करती हैं। साल में दो प्रमुख पर्व होते हैं – रक्षाबंधन और भाई दूज। इन दोनों त्योहारों का उद्देश्य बहनों द्वारा भाइयों की लंबी उम्र की कामना करना और भाइयों द्वारा अपनी बहनों की रक्षा का वचन देना है। हालांकि, इन त्योहारों को मनाने का तरीका भिन्न है। आइए, जानते हैं रक्षाबंधन और भाई दूज के बीच के अंतर को।

भाई दूज 2025 की तिथि

2025 में रक्षाबंधन 9 अगस्त को मनाया जाएगा, जबकि भाई दूज 23 अक्टूबर, गुरुवार को मनाया जाएगा। भाई दूज कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है, जो 22 अक्टूबर को रात 8:16 बजे से शुरू होकर 23 अक्टूबर 2025 को रात 10:46 बजे समाप्त होगा।

  • भाई दूज पर तिलक करने का शुभ समय – दोपहर 1:13 बजे से 3:28 बजे तक।

भाई दूज और रक्षाबंधन के बीच का अंतर

भाई दूज और रक्षाबंधन दोनों भाई-बहनों के रिश्ते का जश्न मनाते हैं, लेकिन इनमें एक महत्वपूर्ण अंतर है। रक्षाबंधन पर बहनें भाई की कलाई पर राखी बांधती हैं और भाई उसकी रक्षा का वचन देता है। वहीं, भाई दूज पर बहन भाई के माथे पर तिलक करती है, उसे भोजन कराती है और उसकी लंबी उम्र की कामना करती है। रक्षाबंधन श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है, जबकि भाई दूज कार्तिक मास की द्वितीया को दिवाली के समापन के रूप में मनाया जाता है।