बेंगलुरु में CoinDCX प्लेटफॉर्म पर करोड़ों की क्रिप्टो चोरी का मामला

बेंगलुरु में CoinDCX क्रिप्टो ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पर करोड़ों रुपये की चोरी का मामला सामने आया है। पुलिस ने एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर को गिरफ्तार किया है, जिसने हैकर्स के लॉगिन क्रेडेंशियल्स का दुरुपयोग किया। जांच में पता चला कि 379 करोड़ रुपये की हेराफेरी हुई है। क्या राहुल अग्रवाल इस मामले में शामिल था? जानें पूरी कहानी में।
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बेंगलुरु में CoinDCX प्लेटफॉर्म पर करोड़ों की क्रिप्टो चोरी का मामला

CoinDCX में करोड़ों की चोरी का खुलासा


बेंगलुरु: क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म CoinDCX में एक बड़ा चोरी का मामला सामने आया है, जिसमें करोड़ों रुपये की हेराफेरी की गई है। जब कंपनी को पता चला कि 379 करोड़ रुपये की चोरी हुई है, तो हड़कंप मच गया। यह मामला बेंगलुरु पुलिस के पास पहुंचा, जिन्होंने तुरंत जांच शुरू की और एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर को गिरफ्तार किया।


पुलिस के अनुसार, जांच में यह सामने आया कि हैकर्स ने इंजीनियर के लॉगिन क्रेडेंशियल का दुरुपयोग किया। उन्होंने कंपनी की गोपनीय वित्तीय प्रक्रियाओं को हैक कर 379 करोड़ रुपये निकाल लिए।


गिरफ्तार किए गए इंजीनियर का नाम राहुल अग्रवाल है, जो 30 साल का है और बेंगलुरु के Carmelaram क्षेत्र में रहता है। राहुल का मूल स्थान उत्तराखंड का हरिद्वार है।


पुलिस ने बताया कि Neblio Technologies CoinDCX का संचालन करती है। CoinDCX ने इस घटना की शिकायत दर्ज कराई थी। Neblio के उपाध्यक्ष (पब्लिक पॉलिसी) हरदीप सिंह ने बताया कि राहुल कंपनी का स्थायी कर्मचारी था और उसे ऑफिस के काम के लिए एक लैपटॉप दिया गया था।


19 जुलाई को रात 2:37 बजे किसी अज्ञात व्यक्ति ने सिस्टम को हैक कर एक USDT को एक वॉलेट में ट्रांसफर किया। सुबह 9:40 बजे हैकर ने 44 मिलियन डॉलर (379 करोड़ रुपये) निकालकर इसे छह अलग-अलग वॉलेट में ट्रांसफर कर दिया। कंपनी की आंतरिक जांच में पता चला कि राहुल के लैपटॉप के सुरक्षा क्रेडेंशियल्स खतरे में थे, जिससे हैकर कंपनी के सर्वर तक पहुंच गए।


पुलिस ने कहा कि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि राहुल इस हैकिंग में शामिल था या नहीं, और उसकी भूमिका की जांच जारी है। कंपनी के अन्य कर्मचारियों से भी पूछताछ की जा रही है।