बीयर उद्योग में एल्युमीनियम कैन की कमी से बढ़ी चिंता

भारत का बीयर उद्योग एल्युमीनियम कैन की गंभीर कमी का सामना कर रहा है, जिससे बिक्री और सरकारी राजस्व पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। ब्रूअर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने सरकार से गुणवत्ता नियंत्रण मानदंडों में अस्थायी छूट की मांग की है, ताकि विदेशी आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके। प्रमुख निर्माताओं ने अपनी उत्पादन क्षमता को अधिकतम कर लिया है, और नए नियमों के कारण आयात में बाधाएं उत्पन्न हो रही हैं। जानें इस संकट के पीछे के कारण और उद्योग के लिए संभावित समाधान।
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बीयर उद्योग में एल्युमीनियम कैन की कमी से बढ़ी चिंता

एल्युमीनियम कैन की कमी का संकट

बीयर उद्योग में एल्युमीनियम कैन की कमी से बढ़ी चिंता

एल्युमीनियम कैन की भारी कमी


घरेलू बीयर उद्योग एल्युमीनियम कैन की गंभीर कमी का सामना कर रहा है, जिसके चलते उसने सरकार से विदेशी स्रोतों से निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए गुणवत्ता नियंत्रण मानदंडों में अस्थायी छूट की मांग की है। ब्रूअर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (बीएआई) के अनुसार, बीयर उद्योग को 500 मिलीलीटर के कैन की 12-13 करोड़ इकाइयों की वार्षिक कमी का सामना करना पड़ रहा है, जो कि देश में कुल बीयर बिक्री का लगभग 20 प्रतिशत है। इससे सरकारी राजस्व में लगभग 1,300 करोड़ रुपये की कमी आने की आशंका है।


सरकार के नए नियमों का प्रभाव

एक अप्रैल, 2025 से सरकार ने गुणवत्ता नियंत्रण आदेश (क्यूसीओ) के तहत एल्युमीनियम कैन को अनिवार्य बीआईएस (भारतीय मानक ब्यूरो) प्रमाणन के दायरे में लाने का निर्णय लिया था। इसके परिणामस्वरूप, बीयर और अन्य पेय पदार्थों की पैकेजिंग उद्योग में आपूर्ति की समस्याएं उत्पन्न हुई हैं। प्रमुख एल्युमीनियम कैन आपूर्तिकर्ता, जैसे बॉल बेवरेज पैकेजिंग इंडिया और कैन-पैक इंडिया, पहले से ही अपनी अधिकतम घरेलू उत्पादन क्षमता पर काम कर रहे हैं। इन कंपनियों का कहना है कि नई उत्पादन लाइन स्थापित होने तक वे आपूर्ति नहीं बढ़ा पाएंगी।


बीयर उद्योग की मांग

क्यूसीओ के कारण बीयर उद्योग विदेशी विक्रेताओं से कैन का आयात नहीं कर सकता, क्योंकि बीआईएस प्रमाणन में कई महीने लग सकते हैं। बीएआई, जो एबी इनबेव, कार्ल्सबर्ग और यूनाइटेड ब्रूअरीज जैसे प्रमुख निर्माताओं का प्रतिनिधित्व करती है, ने सरकार से क्यूसीओ मानदंडों में एक साल की छूट देने की अपील की है। इन कंपनियों का भारत में बीयर बाजार में 85 प्रतिशत हिस्सा है।


हाल ही में यूनाइटेड ब्रूअरीज लिमिटेड के सीईओ ने इस मुद्दे को उठाया है, यह बताते हुए कि उद्योग के लिए सबसे बड़ी चुनौती मुद्रास्फीति नहीं, बल्कि पैकेजिंग सामग्री की आपूर्ति है। बीएआई ने सरकार को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि आयातित एल्युमीनियम कैन के लिए बीआईएस प्रमाणन को एक अप्रैल, 2026 तक स्थगित किया जाए, ताकि घरेलू आपूर्तिकर्ता अपनी विनिर्माण क्षमता विकसित कर सकें।


बीयर कंपनियों के विकल्प

इस विस्तार से घरेलू आपूर्तिकर्ताओं को अपनी विनिर्माण क्षमता विकसित करने का पर्याप्त समय मिलेगा। सरकार ने बिना बीआईएस प्रमाणन वाले एल्युमीनियम कैन के आयात के लिए आपूर्तिकर्ताओं को 30 सितंबर, 2025 तक का समय दिया है। हालांकि, बीएआई का मानना है कि यह देश में कैन के आयात के लिए पर्याप्त नहीं है।


बीएआई ने यह भी अनुरोध किया है कि जिन अंतरराष्ट्रीय आपूर्तिकर्ताओं ने आवश्यक दस्तावेजों के साथ अपना बीआईएस प्रमाणन आवेदन जमा किया है, उन्हें उनके आवेदनों के प्रसंस्करण तक बिना बीआईएस प्रमाणन वाले कैन के आयात की अनुमति दी जाए। बीएआई के महानिदेशक विनोद गिरि ने पत्र में कहा कि यह व्यवस्था नियामकीय निगरानी को बनाए रखते हुए व्यावसायिक व्यवधान से बचाएगी.