बारूद के गोले को लड्डू समझकर खाने से हुई दो मौतें

झारखंड के साहिबगंज जिले में एक व्यक्ति ने बारूद के गोले को लड्डू समझकर खा लिया, जिससे उसकी और एक कुत्ते की जान चली गई। यह घटना तब हुई जब वह शराब के नशे में था। जानें इस अजीब घटना के पीछे की कहानी और जंगली सुअर से फसलों की सुरक्षा के लिए बारूद के उपयोग के बारे में।
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बारूद के गोले को लड्डू समझकर खाने से हुई दो मौतें

साहिबगंज में हुई दुखद घटना

साहिबगंज: झारखंड के साहिबगंज जिले के बोरियो थाना क्षेत्र में एक अजीब घटना में एक व्यक्ति और एक कुत्ते की जान चली गई। 36 वर्षीय गुली पहाड़िया ने सुअर को मारने के लिए बनाए गए बारूद के गोले को लड्डू समझकर खा लिया। जैसे ही उसने उसे चबाया, एक जोरदार विस्फोट हुआ, जिससे उसका जबड़ा बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया और मौके पर ही उसकी मृत्यु हो गई। इस घटना में एक कुत्ते की भी जान गई, जिसे गुली ने बारूद का गोला खिलाया था।


शराब के प्रभाव में हुई घटना

बोरियो थाना के प्रभारी लव कुमार सिंह ने बताया कि गुली शनिवार को बोरियो हाट से एक झोले में जंगली सुअर को मारने वाला बारूद लेकर लौट रहा था। यह बारूद फसलों की रक्षा के लिए उपयोग किया जाता है। वह 20 किलोमीटर की यात्रा के बाद रात में तेतरिया पहाड़ पहुंचा, और उस समय वह शराब के नशे में था। नशे की हालत में उसने बारूद के गोले को लड्डू समझकर खा लिया। उसके पास और भी बारूद के गोले मिले।


फसलों की सुरक्षा के लिए बारूद का उपयोग

जंगली सुअर से फसलों की रक्षा के लिए बारूद के गोले का उपयोग किया जाता है। इन गोले में बारूद के साथ शीशे और मांस के टुकड़े मिलाए जाते हैं। इन्हें खेतों में रखा जाता है ताकि जंगली सुअर मांस की गंध से आकर्षित होकर उन्हें खा ले। इस प्रक्रिया से न केवल फसलों की रक्षा होती है, बल्कि जंगली सुअर का मांस भी प्राप्त होता है।