फातिमा सना: पाकिस्तान की कप्तान जो धोनी से लेती हैं प्रेरणा

पाकिस्तान की महिला क्रिकेट टीम की कप्तान फातिमा सना, महेंद्र सिंह धोनी से प्रेरित होकर विश्व कप में अपनी टीम का नेतृत्व करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने अपने अनुभव और युवा खिलाड़ियों की महत्वाकांक्षा के बारे में बात की है। फातिमा का मानना है कि इस बार टीम बेहतर प्रदर्शन करेगी और वे अतीत की गलतियों को पीछे छोड़कर आगे बढ़ेंगी। जानें, फातिमा की कप्तानी में पाकिस्तान का विश्व कप सफर कैसा होगा।
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फातिमा सना: पाकिस्तान की कप्तान जो धोनी से लेती हैं प्रेरणा

फातिमा सना की कप्तानी में पाकिस्तान का विश्व कप सफर

पाकिस्तान की आगामी आईसीसी वनडे विश्व कप में कप्तान फातिमा सना, भारत के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी से प्रेरणा लेती हैं और उनकी तरह 'कैप्टन कूल' बनने की इच्छा रखती हैं। पाकिस्तान की टीम, जो अप्रैल में क्वालीफायर में अपराजेय रही, 30 सितंबर से 2 नवंबर तक भारत और श्रीलंका में होने वाले विश्व कप में 2 अक्टूबर को कोलंबो में बांग्लादेश के खिलाफ अपने अभियान की शुरुआत करेगी।


धोनी से मिली प्रेरणा

23 वर्षीय फातिमा ने लाहौर में एक साक्षात्कार में कहा कि विश्व कप जैसे बड़े टूर्नामेंट में कप्तानी करते समय थोड़ी नर्वस होना स्वाभाविक है। उन्होंने कहा, 'मैं धोनी से प्रेरित हूं। मैंने उनके खेल को देखा है और उनके निर्णय लेने की क्षमता और शांत रहने के तरीके से बहुत कुछ सीखा है।' फातिमा ने यह भी बताया कि धोनी के इंटरव्यू देखने से उन्हें और भी सीखने को मिला।


पाकिस्तान का विश्व कप इतिहास

पाकिस्तान ने महिला वनडे विश्व कप में पांच बार (1997, 2009, 2013, 2017 और 2022) भाग लिया है, लेकिन 1997, 2013 और 2017 में एक भी मैच नहीं जीत पाई। पिछले विश्व कप में, 2022 में, टीम ने केवल एक जीत हासिल की थी। फातिमा, जो 34 वनडे में 397 रन बना चुकी हैं और 45 विकेट ले चुकी हैं, का मानना है कि इस बार टीम का प्रदर्शन बेहतर होगा।


महिला क्रिकेट का भविष्य

फातिमा ने कहा, 'इस बार हम निश्चित रूप से मिथक तोड़ेंगे। युवा खिलाड़ियों को पता है कि उनके प्रदर्शन से पाकिस्तान में महिला क्रिकेट का भविष्य तय होगा।' उन्होंने यह भी बताया कि पाकिस्तान में लड़कियां अब स्कूलों में क्रिकेट खेल रही हैं और अंतरराष्ट्रीय मैचों का सीधा प्रसारण हो रहा है।


टीम की तैयारी

फातिमा ने गेंदबाजों, विशेषकर स्पिनरों को टीम की सफलता की कुंजी माना है, लेकिन बल्लेबाजी पर भी पिछले एक साल में काफी काम किया गया है। उन्होंने कहा, 'हमारे पास बेहतरीन गेंदबाज हैं और स्पिनर हमारे ट्रंप कार्ड होंगे।' टीम का ध्यान क्वालीफायर की लय को बनाए रखने पर है।


भारत और ऑस्ट्रेलिया की चुनौती

फातिमा ने ऑस्ट्रेलिया को खिताब का प्रबल दावेदार बताया और कहा कि भारत का प्रदर्शन भी लगातार अच्छा रहा है। उन्होंने कहा, 'भारत पर मेजबान होने का दबाव होगा, लेकिन घरेलू दर्शकों का समर्थन भी मिलेगा।'


व्यक्तिगत संघर्ष

कराची में 11 साल की उम्र में क्रिकेट खेलना शुरू करने वाली फातिमा ने कभी नहीं सोचा था कि वह विश्व कप में कप्तान बनेंगी। उनके पिता, जो पिछले साल टी20 विश्व कप के दौरान निधन हो गए, उनके आदर्श रहे हैं। फातिमा ने कहा, 'पूरा परिवार चाहता था कि मैं पापा की इच्छा पूरी करूं और खेलूं।'