प्रधानमंत्री मोदी संयुक्त राष्ट्र महासभा में नहीं करेंगे भागीदारी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस महीने के अंत में होने वाले संयुक्त राष्ट्र महासभा के वार्षिक सत्र में आम बहस को संबोधित नहीं करेंगे। इस सत्र की शुरुआत 9 सितंबर को होगी, जिसमें ब्राज़ील पहले वक्ता के रूप में सामने आएगा, उसके बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का संबोधन होगा। इस महासभा का विषय 'एक साथ बेहतर: शांति, विकास और मानवाधिकारों के लिए 80 वर्ष और उससे भी अधिक' है। भारत का प्रतिनिधित्व विदेश मंत्री एस. जयशंकर करेंगे, जो वैश्विक मुद्दों पर भारत का दृष्टिकोण प्रस्तुत करेंगे।
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प्रधानमंत्री मोदी संयुक्त राष्ट्र महासभा में नहीं करेंगे भागीदारी

संयुक्त राष्ट्र महासभा का 80वां सत्र

संयुक्त राष्ट्र में वक्ताओं की अद्यतन सूची के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस महीने के अंत में होने वाले संयुक्त राष्ट्र महासभा के वार्षिक उच्च-स्तरीय सत्र में आम बहस में भाग नहीं लेंगे। यह महासभा का 80वां सत्र 9 सितंबर से प्रारंभ होगा, और उच्च-स्तरीय आम बहस 23 से 29 सितंबर तक चलेगी। इस दौरान ब्राज़ील पहले वक्ता के रूप में अपनी बात रखेगा, इसके बाद अमेरिका का नंबर आएगा। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प 23 सितंबर को इस मंच से विश्व नेताओं को संबोधित करेंगे, जो उनके दूसरे कार्यकाल में संयुक्त राष्ट्र सत्र के लिए पहला संबोधन होगा।


महासभा के सत्र की प्रमुख बातें

संयुक्त राष्ट्र महासभा के 80वें सत्र की मुख्य बातें और अन्य वक्ता

यह सत्र कई महत्वपूर्ण वैश्विक संकटों के बीच आयोजित किया जा रहा है, जिसमें इज़राइल-हमास संघर्ष और यूक्रेन युद्ध शामिल हैं। ब्राज़ील, जो पारंपरिक रूप से पहले बोलने वाला देश है, आम बहस की शुरुआत करेगा, इसके बाद 23 सितंबर को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का संबोधन होगा। 26 सितंबर को इज़राइल, चीन, पाकिस्तान और बांग्लादेश के नेताओं का भी संबोधन होगा। इस वर्ष का महासभा का विषय है 'एक साथ बेहतर: शांति, विकास और मानवाधिकारों के लिए 80 वर्ष और उससे भी अधिक'।


भारत का प्रतिनिधित्व

भारत का प्रतिनिधित्व और व्यापक UNGA एजेंडा

भारत का प्रतिनिधित्व विदेश मंत्री एस. जयशंकर करेंगे, जो एक अनुभवी राजनयिक हैं और वैश्विक मुद्दों पर भारत का दृष्टिकोण प्रस्तुत करेंगे। इस सत्र में संयुक्त राष्ट्र की 80वीं वर्षगांठ के अवसर पर जलवायु शिखर सम्मेलन, लैंगिक समानता, आर्थिक स्थिरता, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) शासन, स्वास्थ्य और अल्पसंख्यक अधिकारों पर उच्च-स्तरीय चर्चा जैसी महत्वपूर्ण बैठकें भी आयोजित की जाएंगी। UNGA वर्ष का सबसे व्यस्त राजनयिक आयोजन बना हुआ है, जो वैश्विक चुनौतियों के सामूहिक समाधान के लिए एक मंच प्रदान करता है।