प्रधानमंत्री मोदी की साइप्रस यात्रा: सम्मान और सांस्कृतिक बंधन
प्रधानमंत्री मोदी का साइप्रस दौरा
साइप्रस की राजधानी निकोसिया में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सम्मान में एक अनोखी परंपरा का पालन किया गया। परिषद की सदस्य मिकैला किथ्रियोती म्लापा ने पीएम मोदी के स्वागत के दौरान उनके चरणों को छूकर सम्मान प्रकट किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस भाव को सराहा और उनके सिर पर हाथ रखा। उन्होंने हाथ जोड़कर मुस्कुराते हुए भारतीय संस्कृति के प्रति उनकी जागरूकता की प्रशंसा की।
साइप्रस में, पीएम मोदी को राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडोलाइड्स द्वारा राष्ट्रपति महल में मैकारियस III के ग्रैंड क्रॉस से सम्मानित किया गया, जो साइप्रस का सर्वोच्च सम्मान है।
सम्मान का महत्व
मैकारियस III का यह सम्मान, साइप्रस के पहले राष्ट्रपति के नाम पर रखा गया है, और यह राष्ट्र के प्रति महत्वपूर्ण सेवा के लिए प्रमुख व्यक्तियों को दिया जाता है। पीएम मोदी ने राष्ट्रपति क्रिस्टोडोलाइड्स, सरकार और साइप्रस के लोगों के प्रति आभार व्यक्त किया।
उन्होंने कहा कि यह सम्मान दोनों देशों के लोगों की शांति, सुरक्षा, संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता और समृद्धि के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक है। "यह सम्मान केवल मेरा नहीं है, बल्कि 140 करोड़ भारतीयों का सम्मान है। यह हमारे देश की सांस्कृतिक भाईचारे और 'वसुधैव कुटुम्बकम' के विचार का सम्मान है।"
दौरे का महत्व
पीएम मोदी ने रविवार को साइप्रस में कदम रखा, जो पिछले दो दशकों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री का पहला दौरा है। उन्हें लार्नाका अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर साइप्रोट राष्ट्रपति द्वारा स्वागत किया गया।
आधिकारिक जानकारी के अनुसार, पीएम मोदी का यह दौरा साइप्रस और भारत के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने का एक अवसर है।
साथ ही, पीएम मोदी को लिमासोल में भारतीय प्रवासी समुदाय से भी गर्मजोशी से स्वागत मिला। पीएम मोदी और साइप्रोट राष्ट्रपति ने व्यवसायिक गोल मेज पर प्रमुख CEOs के साथ भी बातचीत की।
