पेट के कैंसर के लक्षण और बचाव के उपाय

पेट के कैंसर के लक्षण

पेट में कैंसर Image Credit source: Getty Images
पेट का कैंसर: पेट का कैंसर, जिसे स्टमक कैंसर भी कहा जाता है, एक गंभीर स्थिति है जिसमें पेट की आंतरिक परतों में असामान्य कोशिकाएं तेजी से विकसित होने लगती हैं। यह बीमारी धीरे-धीरे बढ़ती है और इसके प्रारंभिक लक्षण अक्सर स्पष्ट नहीं होते। पुरुषों में यह महिलाओं की तुलना में अधिक आम है, विशेषकर 50 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों में। धूम्रपान, शराब का सेवन, अधिक नमक या मसालेदार भोजन, और H. pylori बैक्टीरिया का संक्रमण इसके जोखिम को बढ़ाते हैं.
पेट में कैंसर के कारण
पेट में कैंसर के कई संभावित कारण हैं। अस्वास्थ्यकर आहार, जैसे अत्यधिक नमक, तेल और प्रोसेस्ड फूड, पेट की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचा सकते हैं। H. pylori बैक्टीरिया का संक्रमण लंबे समय तक रहने पर पेट की परत में सूजन और कैंसर का कारण बन सकता है। धूम्रपान और शराब का सेवन भी पेट की कोशिकाओं में परिवर्तन लाता है, जिससे कैंसर का खतरा बढ़ता है। इसके अलावा, आनुवंशिक कारण, मोटापा और लंबे समय तक गैस्ट्रिक या अल्सर की समस्याएं भी इसके प्रमुख कारणों में शामिल हैं। जो लोग फल और सब्जियों का कम सेवन करते हैं, उनमें यह बीमारी जल्दी विकसित हो सकती है.
पेट के कैंसर के प्रमुख लक्षण
दिल्ली एमसीडी के डॉ. अजय कुमार के अनुसार, पेट के कैंसर के तीन मुख्य लक्षण हैं: लगातार पेट में दर्द, भूख में कमी, और बिना किसी स्पष्ट कारण के वजन में कमी। प्रारंभिक चरण में ये लक्षण हल्के और अस्थायी हो सकते हैं, इसलिए अक्सर इन्हें नजरअंदाज किया जाता है। जैसे-जैसे कैंसर बढ़ता है, मरीज को थोड़ी मात्रा में भोजन करने के बाद भी पेट भरा हुआ महसूस हो सकता है, साथ ही बार-बार मितली या उल्टी और पेट में सूजन जैसी समस्याएं हो सकती हैं.
कुछ मामलों में, भोजन निगलने में कठिनाई, भारीपन और लगातार थकान भी देखी जा सकती है। यदि ट्यूमर आंत की परत में रक्तस्राव कर रहा हो, तो मल का रंग काला हो सकता है या उसमें खून दिखाई दे सकता है, और उल्टी में भी खून आ सकता है। अन्य लक्षणों में कमजोरी, खून की कमी और पेट की सूजन शामिल हैं। यदि ये लक्षण चार से छह सप्ताह से अधिक समय तक बने रहें, तो तुरंत गैस्ट्रोएंटरोलॉजिस्ट से संपर्क कर जांच करानी चाहिए.
बचाव के उपाय
धूम्रपान और शराब से दूर रहें.
संतुलित और ताजा भोजन का सेवन करें.
अत्यधिक नमक, तले हुए या प्रोसेस्ड फूड से बचें.
फलों और हरी सब्जियों का सेवन बढ़ाएं.
वजन को नियंत्रित रखें और नियमित व्यायाम करें.
यदि लंबे समय से गैस्ट्रिक या अल्सर की समस्या है, तो डॉक्टर से जांच करवाएं.
नियमित स्वास्थ्य जांच कराते रहें.