पुतिन का यूरोप का नक्शा बदलने का प्रयास और मध्य पूर्व में प्रभाव बढ़ाना

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन यूरोप के भू-राजनीतिक परिदृश्य को बदलने के लिए सक्रिय हैं। उन्होंने तालिबान को मान्यता देकर और ईरान के साथ सहयोग बढ़ाकर अमेरिका और यूरोप को चुनौती देने की कोशिश की है। यूक्रेन में उनकी आक्रामकता भी बढ़ रही है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि पुतिन का उद्देश्य अपने प्रभाव को और मजबूत करना है। जानें इस जटिल स्थिति के पीछे की रणनीतियों के बारे में।
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पुतिन का यूरोप का नक्शा बदलने का प्रयास और मध्य पूर्व में प्रभाव बढ़ाना

पुतिन का नया रणनीतिक कदम

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन यूरोप के भू-राजनीतिक परिदृश्य को बदलने की दिशा में सक्रिय हैं। वे मध्य पूर्व में भी अपनी उपस्थिति को मजबूत कर रहे हैं। हाल ही में, रूस तालिबान सरकार को मान्यता देने वाला पहला देश बना, जिससे यह सवाल उठता है कि पुतिन का असली उद्देश्य क्या है, जो वे अमेरिका और यूरोप को चुनौती देने के लिए कर रहे हैं।


ईरान-इजरायल संघर्ष में पुतिन की भूमिका

ईरान के सुप्रीम नेता अयातुल्लाह खामेनेई और पुतिन, जो इस संघर्ष में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं, ने मिडिल ईस्ट में तनाव का लाभ उठाकर अपनी स्थिति को मजबूत किया है। पुतिन ने इजराइल और हमास के बीच मध्यस्थता का प्रस्ताव दिया है और ईरान-इजरायल विवाद में एक प्रमुख मध्यस्थ बनने की कोशिश कर रहे हैं।


यूक्रेन में बढ़ती आक्रामकता

पुतिन ने यूक्रेन में भी अपनी आक्रामकता बढ़ा दी है। कीव और अन्य प्रमुख शहरों पर रूस के हमले तेज हो गए हैं। यदि रूस लुहांस्क पर पूरी तरह से नियंत्रण प्राप्त कर लेता है, तो यह यूक्रेन युद्ध के बाद का पहला क्षेत्र होगा जो पूरी तरह से पुतिन के अधीन होगा।


ईरान के साथ सहयोग

पुतिन और ईरान के बीच संबंध पिछले तीन वर्षों में और मजबूत हुए हैं। ईरान ने रूस को ड्रोन और उनकी निर्माण तकनीक प्रदान की है, जो यूक्रेन युद्ध में महत्वपूर्ण साबित हो रहे हैं। ईरान की मिसाइल तकनीक भी इस संघर्ष में एक महत्वपूर्ण कारक बन गई है।