पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव को चुनाव आयोग ने तलब किया

चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव मनोज पंत को दिल्ली में तलब किया है। यह कार्रवाई बारुइपुर और मोइना निर्वाचन क्षेत्रों में मतदाता सूची में अवैध नाम जोड़ने के आरोपों के बाद की गई है। आयोग ने संबंधित अधिकारियों के खिलाफ निलंबन और FIR दर्ज करने के निर्देश दिए हैं। जानें इस मामले में और क्या हुआ है और इसके पीछे की कहानी क्या है।
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पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव को चुनाव आयोग ने तलब किया

चुनाव आयोग की कार्रवाई

चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव मनोज पंत को 13 अगस्त 2025 को दिल्ली कार्यालय में बुलाया है। 5 अगस्त को आयोग ने पंत को निर्देश दिया था कि वे दो सहायक निर्वाचन पंजीकरण अधिकारियों, दो निर्वाचन पंजीकरण अधिकारियों और एक डेटा एंट्री ऑपरेटर के खिलाफ निलंबन और FIR दर्ज करें। ये अधिकारी बारुइपुर और मोइना निर्वाचन क्षेत्रों में मतदाता सूची में अवैध रूप से कई नाम जोड़ने के आरोप में शामिल थे। आयोग ने पंत को इन अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू करने का भी निर्देश दिया।


क्या हुआ?

चुनाव आयोग की यह कार्रवाई पश्चिम बंगाल के बारुइपुर पूर्व और मोइना विधानसभा क्षेत्रों में मतदाता सूची तैयार करने में alleged चुनावी अनियमितताओं के विवाद के बाद हुई। 5 अगस्त 2025 को, चुनाव आयोग ने मनोज पंत को निर्देश दिया कि वे तुरंत पांच व्यक्तियों को निलंबित करें—दो निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी (ERO), दो सहायक निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी (AERO), और एक डेटा एंट्री ऑपरेटर। इन अधिकारियों पर आरोप है कि उन्होंने बारुइपुर पूर्व (दक्षिण 24 परगना जिला) और मोइना (पूर्व मेदिनीपुर जिला) के निर्वाचन क्षेत्रों की मतदाता सूची में नामों को गलत तरीके से जोड़ा। नामित अधिकारियों में देबोताम दत्ता चौधरी (ERO, बारुइपुर पूर्व), ताथागत मंडल (AERO, बारुइपुर पूर्व), बिप्लब सरकार (ERO, मोइना), सुदीप्त दास (AERO, मोइना), और सुरोजित हल्दर (डेटा एंट्री ऑपरेटर) शामिल हैं। आयोग ने इन व्यक्तियों के खिलाफ 'अपराधी कदाचार' के लिए FIR दर्ज करने का भी आदेश दिया।