नेतन्याहू की प्रार्थना का फल: इजरायली सेना का ईरान पर सफल हमला

इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की प्रार्थना का फल सामने आया है, जब इजरायली सेना ने ईरान पर सफल हमला किया। नेतन्याहू ने पवित्र पश्चिमी दीवार पर अपनी मनौती रखी थी, जिसके बाद यह सैन्य कार्रवाई हुई। जानें इस घटना के पीछे की धार्मिक और आध्यात्मिक महत्वता के बारे में।
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नेतन्याहू की प्रार्थना का फल: इजरायली सेना का ईरान पर सफल हमला

नेतन्याहू की मनौती पूरी

इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की एक विशेष प्रार्थना पूरी हुई है। हाल ही में, उन्होंने पवित्र पश्चिमी दीवार पर एक पर्ची लिखकर भगवान से अपने दुश्मनों के विनाश की कामना की थी।


अब जब इजरायली सेना ने ईरान पर सफलतापूर्वक हमला किया है, नेतन्याहू फिर से उसी पवित्र स्थान पर गए, जहां उन्होंने एक नई पर्ची रखी, जिसमें लिखा था, "हें अम कलबीआ काम" (देखो, एक राष्ट्र सिंह की तरह उठ खड़ा हुआ है)।


वीडियो में प्रार्थना

नेतन्याहू ने 22 जून, 2025 को एक वीडियो साझा किया, जिसमें वे पश्चिम दीवार के सामने खड़े होकर प्रार्थना करते हुए और पर्ची रखते हुए दिखाई दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि दस दिन पहले, जब वे एक महत्वपूर्ण सैन्य कार्रवाई की योजना बना रहे थे, तब उन्होंने दीवार पर एक पर्ची रखी थी, जिसमें लिखा था, "हें अम कलबीआ यकूम" (देखो, एक राष्ट्र सिंह की तरह उठेगा)। इस सैन्य कार्रवाई को 'ऑपरेशन राइजिंग लायन' नाम दिया गया था, जो बाइबल के नंबर 23:24 से प्रेरित था.


पश्चिम दीवार का महत्व

पश्चिम दीवार, जिसे हिब्रू में "कोटेल" कहा जाता है, यहूदी धर्म में एक पवित्र स्थल है और यरूशलेम के ओल्ड सिटी में स्थित है। यह दीवार हेरोड महान द्वारा बनाए गए चार दीवारों में से एक है, जो मंदिर पर्वत को समर्थन देने के लिए बनाई गई थी।


आज, यह दीवार यहूदियों के लिए प्रार्थना और तीर्थयात्रा का स्थान है, क्योंकि यह मंदिर पर्वत का एकमात्र बचे हुए हिस्से का प्रतीक है। यहां प्रार्थना करना और नोट्स (चिट्ठियाँ) रखना एक आध्यात्मिक मान्यता है, और माना जाता है कि यदि कोई यहां अपनी मनौती लिखकर दीवार में रखता है, तो भगवान उसकी प्रार्थना सुनते हैं।


नेतन्याहू का विश्वास

नेतन्याहू ने कहा, "हम निश्चित रूप से चमत्कार और करिश्मे करते रहेंगे ताकि इजरायल की अनंतता सुनिश्चित हो सके।" उनकी यह कार्रवाई न केवल एक सैन्य रणनीति के रूप में देखी जा रही है, बल्कि यह धार्मिक और आध्यात्मिक प्रतीकवाद का भी प्रतीक है, जो इजरायली लोगों के मनोबल को बढ़ाने का प्रयास है।


ईरान पर इजरायली हमले को 'ऑपरेशन राइजिंग लायन' कहा गया, जिसमें इजरायली सेना ने ईरान के नातांज परमाणु सुविधा को निशाना बनाया, जिससे काफी नुकसान हुआ। नेतन्याहू ने कहा कि यह हमला ईरान के परमाणु कार्यक्रम के "हृदय" पर था, जो इस्राइल की सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा था।