नाटो प्रमुख की भारत और चीन को रूस के साथ व्यापार न करने की चेतावनी

नाटो प्रमुख का विवादास्पद बयान
नॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गनाइजेशन (नाटो) के प्रमुख ने हाल ही में भारत और चीन को रूस के साथ व्यापार करने पर गंभीर चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि यदि ये देश रूस से गैस खरीदना जारी रखते हैं, तो इसका नकारात्मक प्रभाव होगा। नाटो प्रमुख ने स्पष्ट किया कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन शांति वार्ता को गंभीरता से नहीं लेंगे, जिससे भारत और चीन को नुकसान उठाना पड़ सकता है।
मार्क रुटे की चेतावनी
मार्क रुटे ने भारत, चीन और ब्राजील को रूस के साथ व्यापार न करने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि यदि ये देश रूस के साथ अपने व्यापार को जारी रखते हैं, तो उन पर द्वितीयक प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं। यह बयान नाटो के प्रमुख द्वारा गैर कूटनीतिक भाषा में दिया गया है।
डोनाल्ड ट्रंप का प्रभाव
इस चेतावनी के पीछे एक बड़ा राजनीतिक खेल है। नाटो प्रमुख की भाषा डोनाल्ड ट्रंप की शैली से मेल खाती है, जो भारत और चीन पर अमेरिका के साथ व्यापार करने का दबाव बना रहे हैं। ट्रंप का उद्देश्य है कि ये देश रूस के बजाय अमेरिका के साथ व्यापार करें।
भारत और चीन की प्रतिक्रिया
हालांकि, भारत और चीन ने नाटो प्रमुख की चेतावनी को नजरअंदाज किया है। भारत ने स्पष्ट किया है कि यदि वह रूस से कच्चा तेल नहीं खरीदता, तो वैश्विक तेल की कीमतें बढ़ जाएंगी। भारत ने रूस से 60 बिलियन डॉलर का तेल खरीदा है, जो वैश्विक बाजार पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालता है।
अमेरिका का दोहरा मापदंड
दिलचस्प बात यह है कि अमेरिका, जो रूस पर कई प्रतिबंध लगा चुका है, खुद रूस से यूरेनियम खरीदता है। यह अमेरिका के दोहरे मापदंड को दर्शाता है। ट्रंप ने 50 दिन का अल्टीमेटम दिया है, लेकिन यूरोपीय देश भारत और चीन से रिफाइन किया हुआ तेल खरीदना जारी रखेंगे।