नरक चतुर्दशी 2025: यम दीपक जलाने के लिए आवश्यक सामग्री और विधि

नरक चतुर्दशी 2025 पर यम दीपक जलाने की विधि और उसमें डालने वाली सामग्री के बारे में जानें। यह दिन दीर्घायु और सौंदर्य की कामना का प्रतीक है। जानें कैसे दीपक जलाने से घर में धन की वर्षा हो सकती है और किन चीजों को दीपक में डालना चाहिए। इस विशेष दिन की पूजा विधि और महत्व को समझें।
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नरक चतुर्दशी 2025: यम दीपक जलाने के लिए आवश्यक सामग्री और विधि

नरक चतुर्दशी 2025

नरक चतुर्दशी 2025: यम दीपक जलाने के लिए आवश्यक सामग्री और विधि

नरक चतुर्दशी 2025

Narak Chaturdashi Yam Deep: धनतेरस से लेकर दिवाली तक का यह पांच दिवसीय पर्व प्रारंभ हो चुका है। आज छोटी दिवाली, जिसे नरक चतुर्दशी भी कहा जाता है, मनाई जा रही है। यह दिन दीर्घायु और सौंदर्य की कामना के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण की पूजा का विशेष महत्व है, क्योंकि इसी दिन उन्होंने नरकासुर का वध किया था। यमराज की पूजा भी इस दिन की जाती है, और उनके लिए दीपक जलाना एक परंपरा है।

मान्यता है कि नरक चतुर्दशी के दिन यमराज के दीपक को जलाने से अकाल मृत्यु का भय समाप्त होता है। इस दिन श्रद्धा से यमराज के लिए दीपक जलाना चाहिए। दीपक जलाते समय कुछ विशेष चीजें डालने का महत्व है, जो शुभ फल लाने में सहायक मानी जाती हैं। इन चीजों को दीपक में डालने से घर में धन की वर्षा होती है।

नरक चतुर्दशी आज (Narak Chaturdashi 2025)

हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि आज दोपहर 01:51 बजे से प्रारंभ हो चुकी है और यह कल 20 अक्टूबर को दोपहर 03:44 बजे तक रहेगी। नरक चतुर्दशी पर शाम को प्रदोष काल में यम का दीपक जलाने का विशेष महत्व है। दीपक जलाने का मुहूर्त शाम 05:50 से 07:02 बजे तक है।

यम दीपक में डालें ये चीजें

दीपक में लौंग डालें, जो धन और समृद्धि का प्रतीक मानी जाती है। इलायची भी डालें, जो सौभाग्य का प्रतीक है। कुछ चावल के दाने और हल्दी भी डालें। यमराज के दीपक में कौड़ी और एक सिक्का डालने से आर्थिक तंगी से छुटकारा मिल सकता है और घर में धन की वर्षा होती है।

यम दीपक जलाने के नियम (Yam Deep Jalane Ke Niyam)

दीपक को चारों दिशाओं में जलाना चाहिए। यम दीपक में चार बत्तियां होनी चाहिए, जिससे चारों दिशाओं में प्रकाश फैलता है। शास्त्रों में यम का दीपक जलाने की दिशा का वर्णन किया गया है। दक्षिण दिशा यमराज की दिशा मानी जाती है, इसलिए इस दिशा में दीपक जलाना शुभ होता है। यमराज के लिए मिट्टी या आटे का दीपक जलाना चाहिए और दीपक जलाने के लिए सरसों के तेल का उपयोग करें।

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