दुबई में UPI-UPU इंटीग्रेशन प्रोजेक्ट का शुभारंभ, सीमा-पार धन प्रेषण में बदलाव
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने दुबई में UPI-UPU इंटीग्रेशन प्रोजेक्ट का शुभारंभ किया, जो सीमा-पार धन प्रेषण की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण बदलाव लाएगा। यह तकनीक भारत के डाक विभाग और अन्य संस्थाओं के सहयोग से विकसित की गई है। सिंधिया ने इसे केवल तकनीकी पहल नहीं, बल्कि एक सामाजिक संकल्प बताया। उन्होंने भारत की डाक प्रणाली की कार्ययोजना और वैश्विक स्तर पर भारत की भूमिका को भी उजागर किया। इस परियोजना के माध्यम से भारत का वित्तीय योगदान और नवाचार पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
Sep 9, 2025, 12:14 IST
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दुबई में ऐतिहासिक पहल का आगाज़
दुबई, यूएई। केंद्रीय संचार और उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने दुबई में आयोजित 28वें यूनिवर्सल पोस्टल कांग्रेस में UPI–UPU इंटीग्रेशन प्रोजेक्ट का शुभारंभ किया। यह ऐतिहासिक पहल विश्वभर के करोड़ों लोगों के लिए सीमा-पार धन प्रेषण (cross-border remittances) की प्रक्रिया में क्रांतिकारी बदलाव लाएगी।
तकनीकी सहयोग से विकसित परियोजना
यह तकनीक भारत के डाक विभाग (DoP), एनपीसीआई इंटरनेशनल पेमेंट्स लिमिटेड (NIPL) और यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन (UPU) के सहयोग से विकसित की गई है। इस परियोजना में भारत के यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) को यूपीयू इंटरकनेक्शन प्लेटफॉर्म (IP) से जोड़ा गया है, जिससे डाक नेटवर्क की पहुँच और UPI की गति व किफ़ायत का अद्वितीय संयोजन स्थापित हुआ है।
सामाजिक संकल्प का महत्व
यह सिर्फ टेक्नोलॉजी लॉन्च नहीं, सामाजिक संकल्प भी: सिंधिया
इस अवसर पर सिंधिया ने कहा कि यह केवल टेक्नोलॉजी लॉन्च नहीं है, बल्कि एक सामाजिक संकल्प है। उन्होंने कहा डाक नेटवर्क की विश्वसनीयता और UPI की तेज़ी मिलकर यह सुनिश्चित करेगी कि परिवार सीमाओं के पार भी तेज़, सुरक्षित और कम लागत पर धन भेज सकें। यह साबित करता है कि नागरिकों के लिए बनी सार्वजनिक संरचनाएँ, सीमाओं के पार जुड़कर मानवता की बेहतर सेवा कर सकती हैं।
भारत की डाक प्रणाली की कार्ययोजना
डाक क्षेत्र के लिए भारत की दृष्टि इन चार क्रियाओं पर आधारित
केंद्रीय मंत्री ने भारत की आधुनिक, समावेशी डाक प्रणाली की कार्ययोजना साझा की, जिसे उन्होंने चार क्रियाओं से परिभाषित किया। कनेक्ट (Connect) - डेटा-आधारित लॉजिस्टिक्स के माध्यम से निर्बाध जोड़। इंक्लूड (Include) – हर प्रवासी और डिजिटल उद्यम तक किफ़ायती डिजिटल वित्तीय सेवाएँ पहुँचाना। मॉडर्नाइज़ (Modernise) - एआई, DigiPIN और मशीन लर्निंग का उपयोग। कोऑपरेट (Cooperate) - दक्षिण-दक्षिण सहयोग और UPU समर्थित तकनीकी प्रकोष्ठ।
भारत का पैमाना और समावेशन मॉडल
भारत का पैमाना और समावेशन मॉडल विश्व के लिए मिसाल: सिंधिया
अपने संबोधन में सिंधिया ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आधार, जनधन और इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक के साथ हमने 560 मिलियन से अधिक खाते खोले हैं, जिनमें अधिकांश महिलाओं के नाम पर हैं। इंडिया पोस्ट ने पिछले वर्ष 900 मिलियन से अधिक पत्र और पार्सल वितरित किए। यही पैमाना और यही समावेश की भावना हम वैश्विक मंच पर लेकर आते हैं।
भारत का वित्तीय योगदान
भारत का वित्तीय योगदान - नवाचार और ई-कॉमर्स पर विशेष ध्यान
केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने घोषणा की कि भारत इस चक्र में 10 मिलियन अमेरिकी डॉलर का योगदान देगा ताकि तकनीक के माध्यम से नवाचार को बढ़ावा दिया जा सके, विशेषकर ई-कॉमर्स और डिजिटल पेमेंट्स पर फोकस के साथ। उन्होंने प्रधानमंत्री के ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास’ के संकल्प को आगे बढ़ाते हुए कहा कि भारत संसाधनों, विशेषज्ञता और मित्रता के साथ विश्व समुदाय के साथ खड़ा है।
भारत की दावेदारी
भारत दो प्रमुख परिषदों में देगा अपनी दावेदारी: सिंधिया
इस दौरान सिंधिया ने यह भी घोषणा की कि भारत यूपीयू काउंसिल ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन और पोस्टल ऑपरेशंस काउंसिल दोनों में अपनी दावेदारी पेश करेगा। इससे भारत की यह प्रतिबद्धता और मज़बूत होती है कि वह वैश्विक डाक समुदाय के लिए एक जुड़ा हुआ, समावेशी और सतत भविष्य बनाने में अग्रणी भूमिका निभाएगा।
साझेदारी का संदेश
भारत प्रस्ताव लेकर नहीं, साझेदारी लेकर आया है: सिंधिया
अपने संबोधन के समापन पर सिंधिया ने कहा कि भारत आपके पास प्रस्ताव लेकर नहीं, बल्कि साझेदारी लेकर आया है। हम ऐसे समाधान बनाने में विश्वास रखते हैं जो महंगे विखंडन (fragmentation) से बचाएँ और भरोसे के साथ भुगतान, पहचान, पता और लॉजिस्टिक्स जुड़कर वैश्विक व्यापार को सहज बना सकें।