दिल्ली कार ब्लास्ट: अल-फलाह ट्रस्ट का अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन

दिल्ली में हुए कार ब्लास्ट के मामले में अल-फलाह ट्रस्ट का नाम सामने आया है, जो पहले से ही एक चैरिटेबल ट्रस्ट और जटिल कारोबारी नेटवर्क के लिए जाना जाता था। इस ट्रस्ट के प्रमुख जव्वाद अहमद सिद्दीकी का नाम कई कंपनियों और एक पुराने वित्तीय घोटाले में भी जुड़ा है। जानें कैसे यह ट्रस्ट अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी मॉड्यूल से जुड़ा हुआ है और इसके पीछे की सच्चाई क्या है।
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दिल्ली कार ब्लास्ट: अल-फलाह ट्रस्ट का अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन

दिल्ली कार ब्लास्ट और अल-फलाह ट्रस्ट का संबंध

दिल्ली कार ब्लास्ट: अल-फलाह ट्रस्ट का अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन

दिल्ली में हुए कार ब्लास्ट के मामले में अल-फलाह ट्रस्ट का नाम सामने आया है.


अल-फलाह, जो पहले हरियाणा के नूंह में अपने चैरिटेबल ट्रस्ट और जटिल कारोबारी नेटवर्क के लिए जाना जाता था, अब दिल्ली कार ब्लास्ट और एक अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी मॉड्यूल से जुड़ गया है। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि अल-फलाह यूनिवर्सिटी (फरीदाबाद) के कुलाधिपति जव्वाद अहमद सिद्दीकी, जो नूंह में अल-फलाह चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रमुख ट्रस्टी भी हैं, इस मामले में शामिल हैं।


पुलिस और मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, इस यूनिवर्सिटी कैंपस का उपयोग जैश-ए-मोहम्मद और अंसार गजवातुल-हिंद जैसे संगठनों द्वारा किया जा रहा था। आरोप है कि फंड जुटाने, कट्टरपंथी बनाने और विस्फोटक इकट्ठा करने के लिए 'चैरिटेबल फ्रंट्स' और 'यूनिवर्सिटी नेटवर्क' का सहारा लिया गया।


दिल्ली ब्लास्ट में शामिल आतंकवादी डॉ. उमर नबी और फरीदाबाद मॉड्यूल का सरगना डॉ. मुजम्मिल, दोनों अल-फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़े थे। यह खुलासा ट्रस्ट और उसके प्रमुख सिद्दीकी की गतिविधियों पर गंभीर सवाल उठाता है, जो पहले से ही कई प्राइवेट कंपनियों के मालिक हैं और 2000 में एक वित्तीय घोटाले में भी उनका नाम आया था.


ट्रस्ट की संरचना और गतिविधियाँ

जामिया नगर में पंजीकरण


हरियाणा के नूंह में सक्रिय 'अल-फलाह चैरिटेबल ट्रस्ट' की संरचना जटिल है। यह ट्रस्ट नई दिल्ली के जामिया नगर में पंजीकृत है और फलाह वाटर एड, फूड एड जैसी कई सामाजिक योजनाएं चलाता है। लेकिन जब इसकी गहराई में जाकर देखा गया, तो शिक्षा की आड़ में एक बड़ा कारोबारी नेटवर्क सामने आया, जिसके तार हरियाणा-दिल्ली से लेकर दुबई तक जुड़े हैं.


सिद्दीकी का नेतृत्व


इस नेटवर्क का केंद्र ट्रस्ट के प्रमुख ट्रस्टी जव्वाद अहमद सिद्दीकी हैं, जो अल-फलाह यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति भी हैं। ट्रस्ट के अंतर्गत कई शैक्षणिक संस्थान जैसे शरीक़ा पब्लिक स्कूल, अनाथालय और मदरसे संचालित होते हैं.


दिलचस्प बात यह है कि जव्वाद सिद्दीकी का नाम 1995-96 से कई व्यावसायिक कंपनियों के साथ जुड़ा हुआ है, जिनमें अल-फलाह इन्वेस्टमेंट्स, अल-फलाह सॉफ्टवेयर, और अल-फलाह एक्सपोर्ट्स शामिल हैं.


वित्तीय घोटाले का संदर्भ

पुराना विवाद


ट्रस्ट की साख पर एक पुराना सवाल भी है। 2000 में 'मिली गज़ट' की एक रिपोर्ट में जव्वाद सिद्दीकी का नाम एक कथित वित्तीय घोटाले में आया था। हालांकि, इस मामले में आगे क्या हुआ, इसकी कोई पुष्टि नहीं हुई है.


यूएई कनेक्शन


इस नेटवर्क में केवल जव्वाद सिद्दीकी ही नहीं, बल्कि उस्मा अख्तर भी एक प्रमुख ट्रस्टी हैं, जो वर्तमान में यूएई में रहती हैं और वहां वस्त्र व इंटीरियर्स के कारोबार में संलग्न हैं. उनके नाम भी कई कंपनियों में निदेशक के रूप में दर्ज हैं.


ट्रस्टियों की सूची में आलिया सिद्दीकी का नाम भी है, लेकिन उनके बारे में अधिक जानकारी उपलब्ध नहीं है. इसके अलावा, सुफियान अहमद सिद्दीकी भी कुछ संबंधित कंपनियों में निदेशक के पद पर हैं.


अल-फलाह नाम की अन्य संस्थाएं

अलग-अलग संगठन


यह स्पष्ट करना आवश्यक है कि 'अल-फलाह' नाम से कई अन्य संस्थाएं भी कार्यरत हैं, लेकिन उनका नूंह के इस ट्रस्ट से कोई सीधा संबंध नहीं है. इनमें अल-फलाह यूके, अल-फलाह चेन्नई, और रायचूर व जम्मू के अल-फलाह ट्रस्ट शामिल हैं, जो अलग-अलग उद्देश्यों के लिए काम कर रहे हैं.