डोनाल्ड ट्रंप ने चीन पर 100% अतिरिक्त टैरिफ लगाया, महंगे होंगे कई सामान

ट्रंप का नया टैरिफ ऐलान

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप.
नोबेल शांति पुरस्कार की घोषणा के बाद, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर से टैरिफ लगाने की धमकी दी है। ट्रंप ने अपने कार्यकाल के दौरान अमेरिका को महान बनाने के उद्देश्य से कई देशों पर टैरिफ लागू किए हैं, जिसका प्रभाव अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर स्पष्ट रूप से देखा गया है। कुछ समय के लिए वह शांत रहे, लेकिन अब उन्होंने चीन पर 100% अतिरिक्त शुल्क लगाने का ऐलान किया है। उन्होंने चीन को चेतावनी देते हुए कहा कि यह कदम उनके व्यापारिक नीतियों के खिलाफ है। ये नई दरें 1 नवंबर से प्रभावी होंगी।
चीन पर टैरिफ का असर अमेरिका पर भी पड़ेगा, लेकिन चीन को इसका अधिक नुकसान होगा। इसके साथ ही, अमेरिका सभी महत्वपूर्ण सॉफ्टवेयर पर निर्यात नियंत्रण लागू करेगा। ट्रंप ने इसे चीन की व्यापारिक नीतियों के खिलाफ एक कड़ा जवाब बताया।
टेक्नोलॉजी सेक्टर पर प्रभाव
अमेरिका में नए टैरिफ का असर तकनीकी क्षेत्र पर भी देखने को मिल सकता है। ट्रंप प्रशासन ने साफ किया है कि सॉफ्टवेयर निर्यात पर सख्ती बरती जाएगी। जनवरी 2025 में अमेरिकी वाणिज्य विभाग ने उन्नत कंप्यूटिंग सॉफ्टवेयर और AI मॉडल-weights जैसे उत्पादों पर निर्यात नियंत्रण को बढ़ाया है। इसका मतलब यह नहीं है कि सभी प्रकार के सॉफ्टवेयर पर पाबंदी लगेगी, बल्कि केवल सुरक्षा-संवेदनशील श्रेणियों पर। हालांकि, इससे तकनीकी क्षेत्र को नुकसान होगा।
इससे पहले, अप्रैल 2025 में अमेरिकी प्रशासन ने कुछ स्मार्टफोन, पर्सनल कंप्यूटर और चिप्स पर पहले से लागू टैरिफ में अस्थायी राहत दी थी। लेकिन अब 100% तक अतिरिक्त टैरिफ लगाने का प्रस्ताव है, जिससे पहले से लागू 25% से 50% सेमीकंडक्टर पर और 25% से 145% इलेक्ट्रॉनिक्स पर शुल्क बढ़ सकते हैं। इससे कुछ उत्पादों पर कुल प्रभावी दर 125% से 245% तक हो सकती है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह टैरिफ पूरी तरह लागू होता है, तो स्मार्टफोन, लैपटॉप और EV बैटरी जैसी वस्तुओं की कीमतों में 20% से 40% तक वृद्धि संभव है, हालांकि यह एक आर्थिक अनुमान है। वास्तविक प्रभाव आपूर्ति श्रृंखला और विनिर्माण स्थलों पर निर्भर करेगा.