चिली में कर्मचारी को मिली 330 गुना सैलरी, कंपनी में मचा हड़कंप

चिली में एक कर्मचारी के खाते में गलती से उसकी सैलरी से 330 गुना अधिक राशि ट्रांसफर हो गई, जिससे कंपनी में हड़कंप मच गया। शुरुआत में कर्मचारी ने पैसे लौटाने का वादा किया, लेकिन बाद में उसने इस्तीफा दे दिया। अदालत ने इसे चोरी नहीं माना, बल्कि एक बैंकिंग गलती के रूप में देखा। इस फैसले ने कर्मचारी को बड़ी राहत दी, जबकि कंपनी अब उच्च अदालत में अपील करने की योजना बना रही है। इस घटना ने सोशल मीडिया पर लोगों के बीच नैतिकता और किस्मत के सवाल उठाए हैं।
 | 
चिली में कर्मचारी को मिली 330 गुना सैलरी, कंपनी में मचा हड़कंप

कर्मचारी के खाते में आई बड़ी रकम

चिली में कर्मचारी को मिली 330 गुना सैलरी, कंपनी में मचा हड़कंप

खाते में आए 1.5 करोड़ रुपये Image Credit source: Social Media


हर कर्मचारी उस दिन का बेसब्री से इंतजार करता है जब उसकी सैलरी उसके खाते में आती है। लेकिन अक्सर जो राशि हमें मिलती है, वह हमारी अपेक्षाओं से कम होती है। इसका कारण यह है कि CTC में दिखने वाली बड़ी रकम में टैक्स, PF, इंश्योरेंस और अन्य कटौतियां शामिल होती हैं। नतीजतन, महीने की शुरुआत में सैलरी का इंतजार करते समय जो खुशी होती है, वह जल्दी ही खर्चों में消 हो जाती है।


अब सोचिए, अगर अचानक आपके खाते में आपकी सैलरी से कई गुना अधिक पैसे आ जाएं तो आप क्या करेंगे? कुछ समय के लिए यह सपना सा लगेगा, लेकिन यह सच हुआ है—चिली में एक व्यक्ति के साथ।


चिली के एक व्यक्ति के खाते में गलती से उसकी असली सैलरी से 330 गुना अधिक राशि ट्रांसफर कर दी गई। यह कोई साधारण गलती नहीं थी। रिपोर्टों के अनुसार, यह मामला इतना अजीब था कि कंपनी भी समझ नहीं पा रही थी कि यह कैसे हुआ। शुरुआत में, उस कर्मचारी ने कंपनी को बताया कि उसे गलती का पता चल गया है और वह पैसे वापस कर देगा। लेकिन कहानी यहीं खत्म नहीं हुई। कुछ दिनों तक वह संपर्क में रहा, फिर अचानक उसने इस्तीफा दे दिया और कंपनी से सभी संपर्क तोड़ दिए।


बैंकिंग की गलती का मामला


जब कंपनी ने देखा कि कर्मचारी ने न केवल पैसे वापस नहीं किए बल्कि नौकरी भी छोड़ दी है, तो उसने उस पर चोरी का आरोप लगाते हुए केस दर्ज कराया। मामला अदालत तक पहुंचा और लगभग तीन साल तक यह कानूनी लड़ाई चलती रही। कंपनी का कहना था कि कर्मचारी ने जानबूझकर पैसे नहीं लौटाए, इसलिए यह चोरी के अंतर्गत आता है। दूसरी ओर, बचाव पक्ष ने तर्क दिया कि यह एक बैंकिंग गलती थी और उनके मुवक्किल ने कोई अपराध नहीं किया।


लंबी सुनवाई के बाद सैंटियागो की अदालत ने फैसला सुनाया कि यह मामला चोरी का नहीं है, बल्कि अनधिकृत संग्रह यानी गलती से प्राप्त धनराशि का मामला है। अदालत ने कहा कि जब व्यक्ति ने पैसे प्राप्त किए, तब कोई हिंसा, धोखाधड़ी या जानबूझकर गैरकानूनी काम नहीं किया, इसलिए इसे अपराध की श्रेणी में नहीं रखा जा सकता। इस फैसले के बाद कंपनी को बड़ा झटका लगा, जबकि उस कर्मचारी के लिए यह किसी लॉटरी जीतने से कम नहीं था। अदालत के आदेश के अनुसार, वह राशि अब उसके पास रह सकती है और उसे किसी आपराधिक सजा का सामना नहीं करना पड़ेगा।


लोगों की प्रतिक्रियाएं


हालांकि अदालत के फैसले के बाद भी कंपनी हार मानने के मूड में नहीं है। उन्होंने कहा है कि वे इस निर्णय की समीक्षा के लिए उच्च अदालत में अपील दायर करेंगे ताकि पैसा वापस हासिल किया जा सके। इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर लोग तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं देने लगे। कुछ ने कहा कि अगर उनके साथ ऐसा होता, तो वे भी शायद वही करते जो उस शख्स ने किया। जबकि कुछ लोगों ने इसे नैतिकता के खिलाफ बताया।


कई लोगों ने यह भी लिखा कि यह मामला हमें यह सोचने पर मजबूर करता है कि हम ऐसी स्थिति में क्या करते। क्या हम तुरंत पैसा लौटाते या उसे किस्मत का तोहफा मान लेते? कुल मिलाकर, यह मामला दिखाता है कि एक छोटी सी गलती कैसे किसी की किस्मत बदल सकती है। जहां कंपनी नुकसान झेल रही है, वहीं वह कर्मचारी अब शायद अपनी नई जिंदगी में खुश है। और बाकी लोग? वे बस यही सोच रहे हैं—काश ऐसी गलती हमारे साथ भी हो जाती!