गुच्छी: दिल के रोगियों के लिए एक अनमोल सब्जी

गुच्छी, एक अनोखी और महंगी सब्जी, दिल के रोगियों के लिए एक वरदान साबित हो सकती है। इसकी औषधीय गुणों के कारण इसकी मांग भारत के साथ-साथ इटली और अमेरिका में भी है। जानें इस सब्जी की विशेषताएँ, स्थानीय लोगों के लिए इसके आर्थिक लाभ और स्वास्थ्य पर इसके प्रभाव के बारे में।
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गुच्छी: दिल के रोगियों के लिए एक अनमोल सब्जी

गुच्छी की विशेषताएँ और मूल्य

आज हम एक अद्भुत सब्जी के बारे में चर्चा करेंगे, जो दिल के रोगियों के लिए एक वरदान साबित हो सकती है। आपने सामान्य सब्जियों की कीमतें तो देखी होंगी, लेकिन क्या आपने कभी 30,000 रुपये प्रति किलो की सब्जी का स्वाद लिया है? आइए जानते हैं इस विशेष सब्जी के बारे में।


गुच्छी की पहचान

गुच्छी, जिसे छतरी, टटमोर या डुंघरू भी कहा जाता है, एक अनोखी सब्जी है जो औषधीय गुणों से भरपूर होती है। यह शिमला के जंगलों में उगती है, और इसे खोजने के लिए स्थानीय लोग जंगलों में जाते हैं। गुच्छी की कीमत बाजार में 25,000 से 30,000 रुपये प्रति किलो तक होती है।


स्थानीय लोगों के लिए आर्थिक लाभ

गुच्छी स्थानीय निवासियों के लिए एक महत्वपूर्ण आय का स्रोत है। ग्रामीणों का मानना है कि यह सब्जी पहाड़ों पर बिजली की गड़गड़ाहट के कारण बर्फ से निकलती है। सर्दियों में इसका उपयोग बढ़ जाता है। एक बार, 1980 में, एक महंत ने गुच्छी का भंडारा 45 लाख रुपये में आयोजित किया था।


गुच्छी का वैज्ञानिक नाम और वैश्विक मांग

गुच्छी का वैज्ञानिक नाम मार्कुला एसक्वि पलेंटा है। यह हिमाचल और कश्मीर की पहाड़ियों में पाई जाती है और हर साल मार्च और अप्रैल के बीच उगती है। इसकी मांग भारत के अलावा इटली, फ्रांस और अमेरिका जैसे देशों में भी है।


गुच्छी के स्वास्थ्य लाभ

गुच्छी को दिल के रोगियों के लिए अत्यंत लाभकारी माना जाता है। डॉक्टरों का कहना है कि यह सब्जी दिल की बीमारियों से बचाने में मदद करती है, क्योंकि इसमें विटामिन-बी की प्रचुर मात्रा होती है। हालांकि, इसकी प्राकृतिक उत्पत्ति के कारण इसकी उपलब्धता सीमित है।