उत्तरकाशी में बाढ़ से चार लोगों की मौत, प्राचीन शिव मंदिर मलबे में दबा

उत्तरकाशी जिले में खीर गंगा नदी में आई बाढ़ ने चार लोगों की जान ले ली और कई अन्य लापता हैं। प्राचीन शिव मंदिर कल्प केदार भी मलबे में दब गया है। भारतीय सेना ने बचाव कार्यों के लिए 150 जवानों को तैनात किया है। जानें इस आपदा के बारे में और अधिक जानकारी।
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उत्तरकाशी में बाढ़ से चार लोगों की मौत, प्राचीन शिव मंदिर मलबे में दबा

उत्तरकाशी में बाढ़ का कहर

उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में मंगलवार, 5 अगस्त, 2025 को खीर गंगा नदी में भारी बारिश के चलते अचानक बाढ़ आ गई। इस आपदा में कम से कम चार लोगों की जान चली गई और कई अन्य के बह जाने की आशंका जताई जा रही है। बाढ़ ने धराली कस्बे में स्थित होटलों और आवासीय भवनों को गंभीर रूप से प्रभावित किया। निवासियों द्वारा साझा किए गए वीडियो में पानी की विशाल लहरें इलाके में तेजी से बढ़ती हुई दिखाई दे रही हैं, जो लोगों और घरों को अपने साथ बहा ले जा रही हैं.


प्राचीन शिव मंदिर का नुकसान

धराली गांव में बादल फटने के कारण खीर गंगा नदी में आई बाढ़ ने प्राचीन शिव मंदिर कल्प केदार को मलबे में दबा दिया। यह मंदिर पहले भी किसी आपदा के कारण कई वर्षों तक जमीन के नीचे दबा रहा था, केवल इसका ऊपरी हिस्सा ही दिखाई देता था। इस मंदिर की वास्तुकला केदारनाथ धाम के समान है और इसे 1945 में की गई खुदाई के दौरान खोजा गया था.


मंदिर की संरचना

खुदाई के दौरान मिले इस प्राचीन शिव मंदिर की संरचना केदारनाथ मंदिर के समान थी। भक्तों को प्रार्थना करने के लिए नीचे जाना पड़ता था। कहा जाता है कि मंदिर के गर्भगृह में स्थापित शिवलिंग पर अक्सर खीर गंगा का पानी आता है, जिसके लिए एक रास्ता भी बनाया गया है. मंदिर के बाहर पत्थर पर नक्काशी की गई है, और शिवलिंग का आकार नंदी की पीठ जैसा है.


सेना की बचाव कार्य में भागीदारी

भारतीय सेना ने उत्तरकाशी में बचाव कार्यों के लिए 150 जवानों, ड्रोन और हेलीकॉप्टरों को तैनात किया है। कर्नल हर्षवर्धन के नेतृत्व में 14वीं राजरीफ के जवानों ने मंगलवार से ही लोगों को सुरक्षित निकालने और आवश्यक आपूर्ति प्रदान करने के लिए ट्रैकर डॉग, ड्रोन और अर्थमूविंग उपकरणों का उपयोग किया है.