उज़्बेकिस्तान में भगवान श्री कृष्ण की पूजा: एक अनोखी श्रद्धा

उज़्बेकिस्तान, एक मुस्लिम देश, जहां लोग भगवान श्री कृष्ण की पूजा करते हैं, एक अद्भुत संस्कृति का प्रतीक है। इस लेख में जानें कि कैसे शिवा शहर के निवासी आज भी कृष्ण के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त करते हैं। उनके रीति-रिवाज और विश्वास इस बात का प्रमाण हैं कि सनातन धर्म का प्रभाव केवल भारत तक सीमित नहीं है। जानें इस अनोखी श्रद्धा की कहानी और उज़्बेकिस्तान की प्राचीन सभ्यता के बारे में।
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उज़्बेकिस्तान में भगवान श्री कृष्ण की पूजा: एक अनोखी श्रद्धा

उज़्बेकिस्तान: एक मुस्लिम देश में कृष्ण की पूजा

उज़्बेकिस्तान में भगवान श्री कृष्ण की पूजा: एक अनोखी श्रद्धा


ऐसा कहा जाता है कि एक समय में पूरी दुनिया में एक ही धर्म था, जिसे सनातन धर्म के नाम से जाना जाता था। इस धर्म के अनुयायी अपने जीवन को इसके सिद्धांतों के अनुसार जीते थे। आज हम आपको एक ऐसे मुस्लिम देश के बारे में बताएंगे, जहां लोग भगवान श्री कृष्ण की पूजा करते हैं। इस देश के निवासियों में श्री कृष्ण के प्रति गहरी श्रद्धा और भक्ति देखने को मिलती है।


यह देश मध्य एशिया का उज़्बेकिस्तान है, जो प्राचीन सभ्यता का गवाह है। यदि आप इसके इतिहास का अध्ययन करेंगे, तो पाएंगे कि यह देश सनातन धर्म से गहराई से जुड़ा हुआ है। यहां का शिवा शहर हजारों वर्षों की संस्कृति को अपने में समेटे हुए है। यहां के लोग भगवान कृष्ण को अपना देवता मानते हैं और उनकी पूजा करते हैं। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि इस शहर के निवासी महाभारत में कृष्ण की भूमिका के बारे में भी पूरी जानकारी रखते हैं।


हालांकि, मुस्लिम देश में भगवान कृष्ण के प्रति इतनी श्रद्धा रखने के कारण कट्टरपंथी लोग नाराज हैं, लेकिन स्थानीय लोगों पर इसका कोई असर नहीं पड़ता। फिर भी, यहां के लोग अपने घरों में श्री कृष्ण की मूर्ति रखने से हिचकिचाते हैं। इसका कारण समझना मुश्किल नहीं है। हालांकि, उनके दिलों में भगवान श्री कृष्ण के प्रति गहरा प्रेम और सम्मान है।


उज़्बेकिस्तान के शिवा शहर के निवासियों का मानना है कि उनके रीति-रिवाज भारतीय संस्कृति से काफी मिलते-जुलते हैं। यहां लोग पेड़-पौधों की भी पूजा करते हैं, भले ही यहां पेड़ों की संख्या कम हो। ईरानी लोगों का कहना है कि उन्होंने इस शहर की खोज की थी, लेकिन यहां के लोगों का विश्वास भगवान कृष्ण में सबसे अधिक है। इस श्रद्धा को देखकर यह स्पष्ट होता है कि सनातन धर्म केवल भारत में ही नहीं, बल्कि विश्व के अन्य हिस्सों में भी फैला हुआ था। यही कारण है कि यहां के लोग आज भी भगवान श्री कृष्ण की पूजा करते हैं।