ईरान ने सैन्य प्रमुखों की नियुक्ति पर लगाया रोक, इजराइल के हमलों से बचने की रणनीति

ईरान की नई सुरक्षा रणनीति
इजराइल के साथ सीजफायर के बाद, ईरान अपनी सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने में जुट गया है। इस संदर्भ में, ईरान ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है, जिसके तहत वह अपने कुछ सैन्य संगठनों में नए प्रमुखों की नियुक्ति नहीं करेगा। यह कदम इजराइल द्वारा लक्षित हत्याओं से बचने के लिए उठाया गया है। 13 जून को युद्ध की शुरुआत के दौरान, इजराइल ने ईरान के 10 सैन्य कमांडरों को मार गिराया था.
खतम अल-अनबिया की स्थिति
ईरान के काहयान अखबार के अनुसार, ईरान सरकार ने खतम अल-अनबिया के नए प्रमुख की घोषणा नहीं की है। अखबार का कहना है कि जो व्यक्ति इस ब्रिगेड की कमान संभाल रहा है, उसने अपनी जिम्मेदारी ले ली है, लेकिन उत्तराधिकारी की आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है.
इजराइल के हमलों का प्रभाव
युद्ध की शुरुआत में, खतम अल-अनबिया के प्रमुख अली शादमानी की इजराइल ने हत्या कर दी थी। इसके बाद, जिस व्यक्ति को कमान सौंपी गई थी, उसे भी इजराइल ने मार गिराया.
खतम अल अनबिया का महत्व
खतम अल अनबिया ईरान के सैन्य ढांचे में एक महत्वपूर्ण ब्रिगेड है, जिसका अर्थ है 'पैंगबरों की मुहर'। यह एक ईरानी इंजीनियरिंग फर्म है, जो इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) के अधीन है। यह फर्म, जिसे GHORB के नाम से भी जाना जाता है, IRGC की प्रमुख इंजीनियरिंग शाखा है और औद्योगिक परियोजनाओं में ईरान के सबसे बड़े ठेकेदारों में से एक है.
क्या ईरान ने हमास की रणनीति अपनाई?
इस निर्णय के बाद, सवाल उठता है कि क्या ईरान ने हमास की रणनीति को अपनाया है। दरअसल, इजराइली हमलों से बचने के लिए, हमास ने याह्या सिनवार की हत्या के बाद किसी भी कमांडर की नियुक्ति नहीं की थी. हमास के अधिकारियों का मानना था कि कमांडर की नियुक्ति से इजराइल उसे सीधे निशाना बना सकता है.
ईरान का सैन्य प्रवक्ता का बयान
ईरान के सैन्य प्रवक्ता ने कहा कि वे अब पुरानी गलतियों को नहीं दोहराएंगे। उन्होंने कहा कि हमारे कमांडरों की हत्याएं एक बड़ा झटका थीं, लेकिन ईरान की बुनियाद काफी मजबूत है.