ईरान के हमले से ट्रंप का दावा हुआ झूठा, इजराइल में तीन नागरिकों की मौत

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया था कि उन्होंने इजरायल-ईरान संघर्ष को रोक दिया है, लेकिन ईरान के ताजा हमले ने उनके इस दावे को झूठा साबित कर दिया। इस हमले में तीन इजरायली नागरिकों की मौत हो गई है। ईरान ने न केवल इजरायल पर बल्कि अमेरिका के ठिकानों पर भी मिसाइलें दागी हैं। जानें इस तनाव के पीछे की वजह और ईरान की धमकियों के बारे में।
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ईरान के हमले से ट्रंप का दावा हुआ झूठा, इजराइल में तीन नागरिकों की मौत

ट्रंप का दावा और ईरान का हमला

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की विश्वसनीयता पर एक और सवाल उठता है, जब उन्होंने रात में यह घोषणा की कि उन्होंने इजरायल-ईरान संघर्ष को रोक दिया है। लेकिन कुछ ही समय बाद ईरान द्वारा किए गए हमलों ने उनके इस दावे को झूठा साबित कर दिया। ईरान ने फिर से इजरायल पर मिसाइलों से हमला किया, जिसमें तीन इजरायली नागरिकों की जान चली गई।


ईरान का आक्रामक रुख

ईरान ने इजरायल के साथ-साथ अमेरिका को भी अपने निशाने पर लिया है। मिडिल ईस्ट में अमेरिकी ठिकानों पर ईरान की मिसाइलें गिर रही हैं। हाल ही में कतर और इराक में अमेरिका के तीन ठिकानों पर हमले हुए हैं, जो इस बात का संकेत देते हैं कि यह तनाव एक बड़े युद्ध में बदल सकता है।


इजराइल में सुरक्षा स्थिति

ईरान के हमले के बाद इजराइल के कई शहरों में सायरन बजने लगे हैं और लोग बंकरों में छिपने को मजबूर हैं। बीती रात ईरान ने कतर के अल उदीद एयर बेस पर भी मिसाइलें दागी, जिसमें अधिकांश को हवा में ही नष्ट कर दिया गया। हालांकि, इस हमले में किसी प्रकार के नुकसान की सूचना नहीं है।


ईरान की धमकी

ईरान ने अमेरिका को स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि फिर से हमले हुए, तो वह और भी हमले करेगा। ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स ने कहा है कि मिडिल ईस्ट में अमेरिकी ठिकाने उनके निशाने पर हैं। व्हाइट हाउस ने भी इस हमले के बाद बयान जारी किया है कि ईरान ने पहले भी हमले किए थे, लेकिन इस बार कोई नुकसान नहीं हुआ।


खामेनेई का संदेश

ईरान के सुप्रीम लीडर आयातुल्लाह खामेनेई ने एक पोस्ट में कहा है कि वे किसी भी प्रकार के उत्पीड़न को स्वीकार नहीं करेंगे और किसी के सामने झुकेंगे नहीं। ईरान के विदेश मंत्री ने भी कहा है कि वे अमेरिका के किसी भी हमले का जवाब देने के लिए तैयार हैं।