ईरान की हत्या की योजना: ट्रंप और नेतन्याहू को निशाना बनाने की तैयारी

ईरान के कट्टरपंथी मौलवी अब्दुलमजीद खरगहानी ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की हत्या की योजना का खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि इस काम के लिए धन जुटाने का अभियान चल रहा है। मौलवी ने जनता को भी इस कार्य में शामिल होने का आह्वान किया है। ट्रंप की एक हालिया धमकी के बाद ईरान में स्थिति और भी तनावपूर्ण हो गई है। जानें इस खतरनाक योजना के बारे में और क्या है इसके पीछे का कारण।
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ईरान की हत्या की योजना: ट्रंप और नेतन्याहू को निशाना बनाने की तैयारी

ईरान की खतरनाक योजना का खुलासा

ईरान अमेरिका और इजराइल के प्रमुख नेताओं की हत्या की योजना बना रहा है। यह जानकारी ईरान के कट्टरपंथी मौलवी अब्दुलमजीद खरगहानी ने दी है। उन्होंने बताया कि इन नेताओं में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू शामिल हैं। मौलवी के अनुसार, इस हत्या के लिए धन जुटाने का काम चल रहा है।


फंडरेजिंग का अभियान

खरगहानी ने कहा कि इस अभियान का नाम 'ट्रंप और नेतन्याहू की हत्या के लिए फंडरेजिंग' रखा गया है। यह जानकारी उन्होंने एक इंटरव्यू में साझा की, जो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। मौलवी ने यह भी बताया कि यूरोपीय देशों से 1 से 2 करोड़ डॉलर तक इस काम के लिए इकट्ठा किए जा रहे हैं।


जनता को भी शामिल होने का आह्वान

इंटरव्यू में मौलवी ने यह भी कहा कि केवल सेना या सुरक्षा एजेंसियों की जिम्मेदारी नहीं है कि वे दुश्मनों को निशाना बनाएं। आम जनता को भी इस कार्य में भाग लेना चाहिए ताकि ट्रंप और नेतन्याहू जैसे लोग बोलने से पहले सोचें। हालांकि, खरगहानी का कोई आधिकारिक पद नहीं है और वह ईरानी धार्मिक नेताओं की मुख्यधारा में नहीं आते, लेकिन उनकी बातें ईरान के कट्टरपंथी विचारों को दर्शाती हैं।


ट्रंप की धमकी और फतवा

17 जून को ट्रंप ने सोशल मीडिया पर लिखा था कि उन्हें ईरान के सुप्रीम लीडर खामेनेई की लोकेशन का पता है, लेकिन वह उन्हें अभी नहीं मारेंगे। ट्रंप के इस बयान के बाद ईरान में स्थिति तनावपूर्ण हो गई और एक फतवा जारी किया गया। ईरान के प्रमुख धार्मिक नेता आयतुल्ला नासिर मकरम शिराजी ने कहा कि जो भी खामेनेई या ईरान की धार्मिक व्यवस्था को नुकसान पहुंचाएगा, वह ईश्वर का दुश्मन है और उसे मौत की सजा दी जानी चाहिए।


IAEA प्रमुख को भी मिली धमकी

ईरान और पश्चिमी देशों के बीच परमाणु निगरानी को लेकर हालात बिगड़ते जा रहे हैं। ईरान ने इंटरनेशनल एटॉमिक एनर्जी एजेंसी (IAEA) के साथ सहयोग को औपचारिक रूप से निलंबित कर दिया है। इस बीच, ईरानी राज्य मीडिया ने IAEA के प्रमुख राफाएल ग्रॉसी को 'मोसाद का जासूस' बताते हुए कहा कि अगर वह ईरान आए तो उन्हें गिरफ्तार कर फांसी दी जानी चाहिए।