असम के मुख्यमंत्री हिमंत सरमा का विवादास्पद बयान: हिंदुओं से तीन बच्चे पैदा करने की अपील
हिंदुओं को तीन बच्चे पैदा करने की सलाह
हिमंत बिस्वा सरमा
असम में मुसलमानों की बढ़ती जनसंख्या का मुद्दा फिर से चर्चा में आया है। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने मंगलवार को हिंदू समुदाय से आग्रह किया कि वे तीन बच्चे पैदा करें, ताकि राज्य में मुसलमानों की तुलना में घटती जनसंख्या की वृद्धि को रोका जा सके। उनका कहना है कि यदि हिंदू अधिक बच्चे नहीं पैदा करेंगे, तो परिवार की देखभाल करने वाला कोई नहीं बचेगा।
यह बयान असम में आगामी विधानसभा चुनावों से पहले आया है, जो अगले साल मार्च-अप्रैल में होने की संभावना है। बरपेटा जिले में एक सरकारी कार्यक्रम के दौरान सरमा ने कहा, “अल्पसंख्यक क्षेत्रों में जन्म दर अधिक है, जबकि हिंदुओं में यह घट रही है। इसलिए, यह अंतर स्पष्ट है।”
सरमा का बयान और मुस्लिम जनसंख्या
हिमंत बिस्वा सरमा ने यह टिप्पणी मीडिया द्वारा मुस्लिम जनसंख्या में वृद्धि के सवाल पर की। उन्होंने कहा, “हमें हर हिंदू से कहना है कि उन्हें एक बच्चे पर नहीं रुकना चाहिए और कम से कम दो बच्चे पैदा करने चाहिए। अगर संभव हो तो तीन बच्चे पैदा करें।”
मुख्यमंत्री ने मुस्लिम समुदाय को सलाह दी कि वे 7-8 बच्चे पैदा न करें और कम बच्चे पैदा करें। उन्होंने कहा, “हम हिंदुओं से आग्रह करते हैं कि वे अधिक बच्चे पैदा करें, अन्यथा घर की देखभाल करने वाला कोई नहीं बचेगा।” सरमा ने यह भी स्पष्ट किया कि विधानसभा क्षेत्रों का परिसीमन हो चुका है, इसलिए उन्हें जनसंख्या के पैटर्न की सटीक जानकारी नहीं है।
9 नवंबर को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में, मुख्यमंत्री ने कहा था कि हिंदू जनसंख्या की वृद्धि कम हो रही है, जबकि मुसलमानों की जनसंख्या बढ़ रही है। 2011 की जनगणना के अनुसार, असम में कुल मुस्लिम जनसंख्या 1.07 करोड़ थी, जो राज्य की कुल 3.12 करोड़ जनसंख्या का 34.22 प्रतिशत है। वहीं, हिंदू जनसंख्या 1.92 करोड़ थी, जो कुल जनसंख्या का लगभग 61.47 प्रतिशत है।
असम में मुस्लिम जनसंख्या का बढ़ता आंकड़ा
2001 की जनगणना में असम में 23 जिले थे, जिनमें से छह में मुस्लिम बहुमत था। 2011 में जिलों की संख्या बढ़कर 27 हो गई और उनमें से नौ में मुस्लिम बहुमत है। ये जिले हैं धुबरी, गोलपारा, बारपेटा, मोरीगांव, नागांव, करीमगंज, हैलाकांडी, बोंगाईगांव और दरांग।
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