अल-फलाह यूनिवर्सिटी: मेडिकल कॉलेज की स्थापना और विस्फोटक की बरामदगी
अल-फलाह यूनिवर्सिटी का मेडिकल कॉलेज
अल-फलाह यूनिवर्सिटी मेडिकल कॉलेज भी करती है संचालितImage Credit source: Social Media
अल-फलाह यूनिवर्सिटी: दिल्ली के लाल किला में हुए बम विस्फोट के बाद पूरे देश में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। इसी दौरान फरीदाबाद से एक बार फिर विस्फोटक सामग्री बरामद की गई है। इससे पहले, फरीदाबाद स्थित अल-फलाह यूनिवर्सिटी में पढ़ाने वाले डॉक्टर मुजम्मिल शकील के कमरे से 300 किलो विस्फोटक मिला था। डॉ. मुजम्मिल शकील ने इसी यूनिवर्सिटी से MBBS की डिग्री प्राप्त की थी और वर्तमान में वहीं पढ़ा रहे थे।
आइए जानते हैं कि अल-फलाह यूनिवर्सिटी के मेडिकल कॉलेज की स्थापना कब हुई थी, इसका संचालन कौन करता है, और किस सरकार के समय इसे मान्यता मिली थी। साथ ही, हम यह भी जानेंगे कि इस मेडिकल कॉलेज में MBBS और MD की कितनी सीटें उपलब्ध हैं।
अल-फलाह यूनिवर्सिटी के अधीन मेडिकल कॉलेज और अस्पताल
अल-फलाह यूनिवर्सिटी के अंतर्गत अल-फलाह स्कूल ऑफ मेडिकल साइंस एंड रिसर्च सेंटर संचालित होता है। इस स्कूल के अंतर्गत एक 650 बेड का अस्पताल और एक मेडिकल कॉलेज भी कार्यरत है।
MBBS और MD की सीटें और फीस की जानकारी
अल-फलाह यूनिवर्सिटी के मेडिकल कॉलेज में MBBS और MD की सीटों पर दाखिला दिया जाता है। मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (MCC) की 2025 की सीट मैट्रिक्स के अनुसार, इस कॉलेज में MBBS के लिए 150 सीटें हैं।
MD में पैथोलॉजी, जनरल मेडिसिन, कम्यूनिटी मेडिसिन, पीडियाट्रिक्स सहित अन्य कोर्स भी संचालित होते हैं, जिनकी 35 से अधिक सीटें हैं। MBBS की फीस की बात करें तो पहले चार वर्षों के लिए 16,37,500 रुपये ट्यूशन फीस निर्धारित की गई है, जबकि अंतिम वर्ष के लिए 9 लाख रुपये की फीस है। इस प्रकार, अल-फलाह यूनिवर्सिटी के मेडिकल कॉलेज से MBBS करने के लिए कुल 74,50,000 रुपये की फीस चुकानी होती है।
संस्थापना और मान्यता की जानकारी
फरीदाबाद में अल-फलाह यूनिवर्सिटी का परिसर 750 एकड़ में फैला हुआ है। इस यूनिवर्सिटी के अंतर्गत कई अन्य स्कूल भी संचालित होते हैं, जैसे कि अल-फलाह स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, अल-फलाह स्कूल ऑफ एजुकेशन एंड ट्रेनिंग, और अल-फलाह स्कूल ऑफ फिजिकल एंड मोलेकुलर साइंस।
इन सभी शैक्षणिक संस्थानों का संचालन अल-फलाह चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा किया जाता है। अल-फलाह यूनिवर्सिटी की स्थापना को हरियाणा विधानसभा ने 2 मई 2014 को मंजूरी दी थी, जब भूपेंद्र हुड्डा मुख्यमंत्री थे। इसके बाद, UGC ने 2015 में इस यूनिवर्सिटी को मान्यता प्रदान की। अल-फलाह यूनिवर्सिटी के मेडिकल कॉलेज में MBBS का पहला बैच 2019 में शुरू हुआ था।
