अयोध्या में प्रतिष्ठा द्वादशी का भव्य उत्सव, राजनाथ सिंह और सीएम योगी का संबोधन

अयोध्या में प्रतिष्ठा द्वादशी का भव्य आयोजन हो रहा है, जिसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शामिल होंगे। इस अवसर पर राम मंदिर परिसर में विशेष धार्मिक अनुष्ठान और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। लाखों श्रद्धालु इस उत्सव में भाग ले रहे हैं, जो न केवल आस्था का प्रतीक है, बल्कि भारत की सांस्कृतिक एकता को भी दर्शाता है। जानें इस ऐतिहासिक आयोजन की सभी खास बातें।
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अयोध्या में प्रतिष्ठा द्वादशी का भव्य उत्सव, राजनाथ सिंह और सीएम योगी का संबोधन

प्रतिष्ठा द्वादशी का आयोजन

अयोध्या में भव्य धार्मिक अनुष्ठान

अयोध्या
रामनगरी अयोध्या इस समय भक्ति और श्रद्धा से भरी हुई है। भगवान श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा की दूसरी वर्षगांठ के अवसर पर विशेष धार्मिक अनुष्ठान आयोजित किए जा रहे हैं। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा 27 दिसंबर से शुरू हुए पांच दिवसीय महोत्सव का मुख्य समारोह बुधवार को होगा, जिसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी इस ऐतिहासिक आयोजन में शामिल होंगे। प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी 2024 को पौष शुक्ल द्वादशी तिथि पर संपन्न हुई थी, जिसे हिंदू पंचांग के अनुसार प्रतिष्ठा द्वादशी के रूप में मनाया जाता है। इस वर्ष यह तिथि 31 दिसंबर को है। ट्रस्ट के अनुसार, अनुष्ठान जगद्गुरु मध्वाचार्य जी की देखरेख में हो रहे हैं। राम मंदिर परिसर में रामचरितमानस का संगीतमय पाठ, रामकथा प्रवचन, भजन-कीर्तन और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। अंगद टीला पर भव्य पंडाल बनाए गए हैं।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह बुधवार सुबह लगभग 11 बजे अयोध्या पहुंचेंगे। वे राम मंदिर परिसर में रामलला के दर्शन करेंगे और मां अन्नपूर्णा मंदिर के शिखर पर ध्वजारोहण करेंगे। इसके बाद, वे राम मंदिर में आयोजित धार्मिक अनुष्ठानों में भाग लेंगे, जिसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी शामिल होंगे। अयोध्या एयरपोर्ट पर रक्षा मंत्री का स्वागत मुख्यमंत्री करेंगे।

जय श्रीराम के उद्घोष
रामनगरी में चारों ओर जय श्रीराम के उद्घोष गूंज रहे हैं। लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए आ रहे हैं। सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया गया है और श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं। यह उत्सव न केवल आस्था का प्रतीक है, बल्कि राम मंदिर के माध्यम से भारत की सांस्कृतिक एकता और आध्यात्मिक जागरण को भी दर्शाता है। दोनों नेता अंगद टीला पर जनता को संबोधित करेंगे।