Uttarakhand Panchayat Elections: Candidate Claims Mistaken Victory Announcement

In a surprising turn of events in the Uttarakhand Panchayat elections, a candidate named Kajal Bisht has claimed that she was mistakenly declared the winner. Despite her assertion that she lost by three votes to her opponent, Sumit Kumar, she was called back to receive a victory certificate. This incident has raised questions about the electoral process, leading to a demand for a high-level investigation into the matter. The returning officer has acknowledged the complaint, and a recount may take place within a month. This unfolding situation has captured the attention of many, highlighting potential flaws in the election system.
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Uttarakhand Panchayat Elections: Candidate Claims Mistaken Victory Announcement

Controversy Arises Over Election Results in Champawat


देहरादून | एक अजीब स्थिति में, एक महिला ने चुनावी परिणामों को लेकर अपनी हार की अपील की है। चम्पावत में पंचायत चुनावों के बाद, एक प्रत्याशी ने रिटर्निंग ऑफिसर के समक्ष कहा कि वह चुनाव नहीं जीती हैं और उन्हें गलती से विजेता घोषित किया गया है। यह मामला सभी को चौंका रहा है।


यह घटना चम्पावत के तरकुली ग्राम प्रधान पद से संबंधित है। काजल बिष्ट, जो चुनावी मैदान में थीं, का कहना है कि वह अपने प्रतिद्वंद्वी सुमित कुमार से तीन मतों से हार गईं। मतगणना के बाद, जब वह बाहर निकलीं, तो उन्हें फोन आया कि उन्हें विजेता के प्रमाण पत्र के लिए बुलाया जा रहा है। जब वह लौटीं, तो उन्हें विजेता का प्रमाण पत्र सौंपा गया। काजल का कहना है कि यह एक गलती थी और असली विजेता सुमित कुमार हैं। उन्होंने निर्वाचन आयोग की लापरवाही पर उच्चस्तरीय जांच की मांग की है।


चम्पावत के रिटर्निंग ऑफिसर ने पुष्टि की है कि उन्हें इस मामले में शिकायत मिली है कि हारने वाली प्रत्याशी को विजेता का प्रमाण पत्र दिया गया है। काजल बिष्ट की आपत्ति को स्वीकार कर लिया गया है और अब एसडीएम न्यायालय में मामले की सुनवाई होगी। एक महीने के भीतर पुनर्गणना की प्रक्रिया शुरू की जा सकती है।


सुमित कुमार, जो प्रधान पद के दूसरे प्रत्याशी हैं, ने कहा कि उन्होंने तीन वोटों से जीत हासिल की थी। काजल ने उन्हें स्वयं बधाई दी थी। चुनाव कर्मियों ने उन्हें बाद में प्रमाण पत्र लेने के लिए कहा था। जब वह प्रमाण पत्र लेने गए, तो उन्हें पता चला कि यह काजल बिष्ट को दिया गया था।