114 वर्षीय मैराथन धावक फौजा सिंह की मौत के मामले में एनआरआई गिरफ्तार

जालंधर पुलिस की बड़ी सफलता
जालंधर ग्रामीण पुलिस ने 114 वर्षीय मैराथन धावक फौजा सिंह से जुड़े एक हाई-प्रोफाइल हिट-एंड-रन मामले को 30 घंटे के भीतर सुलझा लिया है। पुलिस ने मंगलवार रात को 30 वर्षीय एनआरआई अमृतपाल सिंह ढिल्लों की गिरफ्तारी की पुष्टि की और घटना में शामिल टोयोटा फॉर्च्यूनर एसयूवी को भी बरामद कर लिया।
घटना का विवरण
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अमृतपाल सिंह ढिल्लों, जो करतारपुर के दासूपुर का निवासी है, को मंगलवार रात गिरफ्तार किया गया। फौजा सिंह, जो जालंधर के अपने पैतृक गांव ब्यास पिंड में जालंधर-पठानकोट राजमार्ग पर टहल रहे थे, को ढिल्लों के वाहन ने टक्कर मार दी।
हादसे की गंभीरता
हादसे में फौजा सिंह को गंभीर चोटें आईं और उनकी उसी दिन मौत हो गई। स्थानीय लोगों के अनुसार, टक्कर इतनी जोरदार थी कि वह हवा में 5 से 7 फुट तक उछल गए। सूत्रों के अनुसार, आरोपी का परिवार विदेश में रहता है और वह हाल ही में अपने गांव लौटा था।
कानूनी कार्रवाई
पुलिस ने बताया कि चालक के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धाराओं 281 (सार्वजनिक मार्ग पर लापरवाही से वाहन चलाना) और 105 (गैर इरादतन हत्या) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।
सीसीटीवी फुटेज से मिली जानकारी
जालंधर ग्रामीण के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक हरविंदर सिंह ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज के माध्यम से वाहन की पहचान की गई है। यह पंजाब में पंजीकृत टोयोटा फॉर्च्यूनर है। दुर्घटनास्थल से गाड़ी की हेडलाइट के कुछ टुकड़े भी मिले थे।
फौजा सिंह का योगदान
फौजा सिंह के निधन पर विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने शोक व्यक्त किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें एक असाधारण व्यक्ति बताया, जिन्होंने भारत के युवाओं को फिटनेस के प्रति प्रेरित किया। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि फौजा सिंह ने अपने मैराथन दौड़ से सिख समुदाय को गर्वित किया।
श्रद्धांजलि
पंजाब विधानसभा ने फौजा सिंह को श्रद्धांजलि दी। संसदीय कार्य मंत्री रवजोत सिंह ने सदन में उन्हें श्रद्धांजलि देने का प्रस्ताव रखा। फौजा सिंह ने 89 वर्ष की उम्र में मैराथन दौड़ना शुरू किया और अपनी एथलेटिक क्षमता के कारण उन्हें 'टर्बन्ड टॉरनेडो' कहा जाने लगा।
जीवन यात्रा
फौजा सिंह का जन्म 1911 में एक किसान परिवार में हुआ था। वह 100 वर्ष की आयु में मैराथन पूरी करने वाले पहले व्यक्ति बने और कई अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग लिया। उन्होंने लंदन, न्यूयॉर्क और हांगकांग की प्रसिद्ध मैराथन में भी भाग लिया।